नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने शिलांग में उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के बहुउद्देयशीय सम्मेलन केंद्र और प्रदर्शनी सुविधा का शिलान्यास किया। एनईसैक सोसाइटी के अध्यक्ष अमित शाह ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के संचालन संबंधी उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की। केन्द्रीय गृह मंत्री ने एक अन्य बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ सुरक्षा और विकास की गहन समीक्षा की। अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद विगत 7 वर्षों में नॉर्थईस्ट की विकास यात्रा पिछले 70 सालों में हुए विकास की तुलना में बहुत आगे है। नरेंद्र मोदी ने रेल कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी और रोड कनेक्टिविटी के साथ-साथ आईटी की कनेक्टिविटी से भी नॉर्थ-ईस्ट को जोड़ने का काम किया। गृह मंत्री ने कहा कि इन 8 राज्यों के समूह को प्रधानमंत्री अष्टलक्ष्मी कहते हैं और आज सभी आठों राज्‍य एक दूसरे के सहयोग से विकास की दृष्टि से आगे बढ़ रहे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने जनवरी में एनईसैक बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ प्रबंधन के लिए एनईसैक का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था, आज की बैठक में उन्हें बताया गया कि इस संबंध में 110 परियोजनाओं का प्रारूप तैयार किया गया हैं। अमित शाह ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पूर्वोत्तर को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए बड़े बड़े तालाबों में जल संचय करने का निर्देश दिया। पहले पूर्वोत्तर में घुसपैठ, आतंक और भ्रष्टाचार की बात होती थी लेकिन आज विकास, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट की चर्चा होती है। पीएम मोदी के नेतृत्‍व में नार्थ-ईस्‍ट के दशकों से परेशान करने वाले मुद्दों का हल निकाला गया है जिसमें बांग्लादेश से सीमा विवाद, एनएलएफटी से समझौता तथा ब्रू-शरणार्थियों की त्रिपुरा और मिजोरम की समस्याएं तथा बोडो शांति समझौता हुआ। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व की सभी जटिल समस्याओं का समाधान होगा तथा हर राज्य की सीमाओं का आंतरिक विवाद, मणिपुर और नागालैंड के उग्रवादी गुटों को आत्मसमर्पण कराकर मुख्‍य धारा में शामित करना हम सब का सामूहिक उद्देश्य और सामूहिक लक्ष्य होना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि ड्रग फ्री और टेररिज्म फ्री और विकसित नॉर्थईस्ट बनाने में एनईसैक की भूमिका अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण होगी।एनईसैक सोसाइटी के माध्यम से हमारी योजनाओं को वैज्ञानिक आधार मिल सकता है और इनकी नींव पर उत्तर-पूर्व को विकसित करना है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और NESAC के कॉरडिनेशन से बाढ़ प्रबंधन के लिए सिंगल विंडो बनाया जाएगा जिससे समय पर राज्यों को आपदा की जानकारी मिल सके।

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