नई दिल्ली। हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच दो दिवसीय एकीकृत द्विपक्षीय अभ्यास 24 जून को संपन्न हुआ। भारतीय नौसेना ने भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर इस अभ्यास में अमेरिकी नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ भाग लिया। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच अंतरसंचालनीयता की स्थापना करने और रक्षा समन्वय को मजबूत करने में काफी महत्वपूर्ण रहा है और इस दौरान समुद्र में उच्च गति-नौसैनिक अभियानों का संचालन किया गया। इनमें वायु प्रभुत्व अभ्यास, उन्नत वायु रक्षा अभ्यास, पनडुब्बी रोधी अभ्यास, सामरिक युद्धाभ्यास और क्रॉस डेक हेलीकॉप्टर ऑपेरशन शामिल थे।
युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से गाइडेड मिसाइल स्टील्थ विध्वंसक कोच्चि, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स तेग, मैरीटाइम एयर डॉमिनांस फाइटर मिग 29के, लंबी दूरी का समुद्री गश्ती विमान पी8आई, सीकिंग 42बी और कामोव एईडब्ल्यू हेलीकाप्टर शामिल थे। भारतीय वायुसेना की ओर से जगुआर और सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान, अवाक्स, एईडब्ल्यू एंड सी और एयर टू एयर रिफ्यूलर विमान शामिल थे।
अमेरिका की ओर से निमित्ज श्रेणी के विमानवाहक पोत रोनाल्ड रीगन के साथ एकीकृत एफ-18 लड़ाकू विमानों, ई-2-डी एईडब्ल्यू एंड सी विमान और एमएच60आर एएसडब्ल्यू हेलीकाप्टर, आर्ले बर्क क्लास गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यूएसएस हैल्सी और टाइकॉनडेरेगा क्लास गाइडेड मिसाइल क्रूजर यूएसएस शीलो शामिल थे। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने और साझेदार सेनाओं के रूप में साझा मूल्यों को मजबूत करने, समुद्रों की स्वतंत्रता और खुली, समावेशी हिंद-प्रशांत और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने में एक और मील का पत्थर रहा है।

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