चंडीगढ़। मल्लिकार्जुन कमेटी के सदस्यों ने राहुल गांधी के साथ मुलाकात कर मंथन में इस बात पर जोर दिया कि पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ ही मैदान में उतरेगी, सभी ने मुख्यमंत्री चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरने पर रजामंदी जाहिर की है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लेंगी। पहले यह कयासबाजियां लगाई जा रहीं थी कि पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बिना चेहरे के मैदान में उतर सकती है। इससे पहले हाल ही में कुछ राज्यों में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए गठित अशोक चव्हान कमेटी ने भी अपनी समीक्षा में कहा है कि चुनाव में चेहरों पर तस्वीर साफ न होने के कारण कांग्रेस को असम, केरल और पश्चिम बंगाल में नुक्सान झेलना पड़ा है।
बताया जा रहा है कि मंथन में राहुल गांधी ने पंजाब में दलित वर्ग से जुड़े नेताओं को जल्द अहम जिम्मेदारियां सौंपने का समर्थन किया है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन को हरी झंडी दे दी है जिसमें कांग्रेस के दलित नेताओं को भी आने वाले समय में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। इस बैठक से पहले हरीश रावत ने इसका इशारा भी किया था। रावत ने कहा कि जिन वोटर्स को साधने के लिए शिअद-बसपा ने गठबंधन किया है उसके लिए कांग्रेस जल्द ही कई नीतिगत व संगठनात्मक स्तर पर बड़े फैसले लेगी। सरकार के स्तर पर भी दलित समुदाय के लिए कई बड़े फैसलों पर आने वाले समय में मोहर लगेगी। इसी कड़ी में हरीश रावत ने शिअद-बसपा के गठबंधन को बेमानी बताया था। उनका कहना था कि शिअद-बसपा की विचारधारा मेल नहीं खाती है और इस बेमानी मेल का फायदा कांग्रेस को ही मिलेगा क्योंकि विचारधारा न मिलने से मतदाता कांग्रेस को वोट देंगे। बैठक में पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर भी गहन मंथन किया गया। बताया जा रहा है कि कमेटी के सदस्यों ने नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस पार्टी का मजबूत स्तंभ बताते हुए संगठन के स्तर पर अहम जिम्मा सौंपने की बात कही है। फिलहाल उन्हें प्रचार कमेटी या को-आर्डीनेशन कमेटी या पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्तर पर कोई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।














