बालकृष्ण उपाध्याय , नई दिल्ली

आज के समय में सब लोग केवल स्वहिताय व स्वसुखाय के सिद्धांत पर चल रहे हैं | आज के समय में कोई भी व्यक्ति किसी की सहायता करना अथवा किसी के कष्ट को कम करना नहीं चाहता, उल्टा कैसे दूसरों को कष्ट देकर नीचे गिराया जा सके, बस इसी कोशिश में लगे रहते हैं | लेकिन आज भी एक ऐसा व्यक्तित्व है जो निःस्वार्थ भाव से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के ‘सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ के सिद्धांत पर चलते ही जा रहा है | वह अपने हितों को छोड़, दूसरों के हितों की चिंता करता है | कैसे सबका हित हो, और सब कैसे सुखी रहे, उसी दिशा में काम कर रहा है | ऐसे व्यक्तित्व का नाम है संजय जोशी जो हमेशा बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की भलाई में लगे रहते हैं | उनके यहाँ जो भी व्यक्ति मदद मांगने के लिए आता है वे उस व्यक्ति की मदद करने में लग जाते हैं | उनके मन में कभी यह विचार नहीं आता कि वह व्यक्ति किस धर्म का है, किस जाति का है, किस विचारधारा का है या किस पार्टी का है, उससे उनको कोई लेना-देना नहीं | जो व्यक्ति उनके पास मिलने आते है, वे उनकी मदद बिना किसी भेदभाव के तो करते ही हैं, साथ ही विशेष ध्यान दिया जाता है कि जो लोग आये है उन्होंने चाय पानी पिया या नहीं | क्योंकि संजय जोशी जी के पास केवल एक ही सिद्धांत है ‘सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय’ बस इसी सिद्धांत पर वे काम करते चले जा रहे है l श्री संजय जोशी जी के यहां केवल भाजपा के कार्यकर्ता नहीं बल्कि आमजन मदद मांगने के लिए आते हैं, और वे अपनी समस्या संजय जोशी जी के सामने रखते हैं, जोशी जी भी उन समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करते हैं | आज संजय जोशी जी का नाम आमजन की जुबां पर मदद करने वाले मसीहा के रूप में आने लगा है | जिन लोगों की संजय जोशी जी के यहाँ से मदद हो जाती है, वे लोग संजय जोशी जी द्वारा की गई मदद का कई लोगों के सामने बखान करते हैं, इसी वजह से लोग संजय जोशी जी से जुड़ते ही चले जा रहे है | वे लोग कहते हैं कि हम इस समय भारत में एक ही व्यक्तित्व को देख रहे हैं, जो निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में लगा हुआ है | उस व्यक्तित्व का नाम है संजय जोशी, जो आज वास्तविकता में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के ‘सर्वजन हिताय सर्वजन-सुखाय के सिद्धांत’ पर चल रहे हैं l और निरंतर उसी सिद्धांत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं | अगर हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी पुण्यतिथि पर सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो आज से हम सभी संकल्प ले, कि आने वाले समय में हमारे हाथों गलती से भी किसी का अहित न हो और किसी को हमारी वजह से तकलीफ न पहुंचे | हम कैसे किसी दूसरे की मदद कर सके ? हम कैसे दूसरों के कष्टों को दूर करने में सहायक हो सके ? इस विषय पर हमें सोंचना चाहिए और अमल करना चाहिए | केवल एक दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि देने से अच्छा होगा कि हम उनके ‘सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ के सिद्धांत पर चलकर हमेशा दूसरों की सेवा करते रहे तथा हमसे जितना हो सके दूसरों की मदद करते रहें l यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी |

Previous articleभारत ने कृषि क्षेत्र में डीजल की जगह नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग का लक्ष्य रखा
Next articleभारतबोध के प्रखर प्रवक्ता थे दीनदयाल उपाध्याय : प्रो. संजय द्विवेदी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here