परमाणु ऊर्जा पर नजर रखने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने नष्ट हो चुके फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के संदूषित पानी को समुद्र में छोड़े जाने की जापान की योजनाओं को बृहस्पतिवार का समर्थन किया। जापान के पास फुकुशिमा संयंत्र के टैंकों में 10 लाख टन संदूषित पानी जमा है। साल 2011 में भयंकर सुनामी के बाद फुकुशिमा संयंत्र में परमाणु दुर्घटना हो गई थी। सरकार की एक समिति ने पिछले महीने सिफारिश की कि पानी समुद्र में छोड़ा जाए या वाष्पीकृत किया जाए लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया।
जापान की जनता ने इन समाधानों को पसंद नहीं किया। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निदेशक राफेल ग्रॉसी ने तोक्यो में पत्रकारों से कहा कि समिति की दोनों सिफारिशें उचित मालूम होती है। उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर क्या किया जाए और कब, यह फैसला जापान सरकार का है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अंतिम विश्लेषण पूरा नहीं हुआ है लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि हमने समिति की रिपोर्ट को सही प्रणाली और पद्धति पर आधारित पाया।’’ ग्रॉसी ने कहा कि संदूषित पानी को समुद्र में छोड़े जाना कहीं ओर भी किया गया है, इसमें कुछ नया नहीं है और कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन महत्वपूर्ण है कि यह इस तरीके से किया जाए कि यह हानिकारक न हो और कोई व्यक्ति होना चाहिए जो पानी छोड़े जाने के दौरान और बाद में इसकी जांच करे कि सब ठीक है या नहीं।’’