धर्मशाला। पहले हिमाचल में सरकार की ओर कोविड काल को मद्देनजर रखते हुये पर्यटकों की आवाजाही पर पाबंदियां थीं और जब कोविड की दूसरी लहर जैसे ही थमी और सरकार ने पाबंदियां हटाई तो टूरिस्ट का ट्रैफिक पहाड़ों में जाम की शक्ल में नज़र आने लगा है। पाबंदियां हटते ही प्रदेश के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलज़ार हो गये। अब आलम ये है कि प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन क्षेत्र धर्मशाला पर्यटकों से कुछ इस तरह खचाखच भर गया है। अब होटल्स में भी कमरे ढूंढने से भी नहीं मिल रहे। हालात हैं कि ऑनलाइन बुकिंग हो नहीं रही, ऑफलाइन भी कमरे मिल नहीं रहे। सप्ताहांत यानी वीकेंड में ही ऐसा देखने को मिल रहा है। आज भी होटल्स में सौ फ़ीसदी बुकिंग हो चुकी है।
ग्लोबल सिटी मैक्लोडगंज में पर्यटकों की अचानक से बाढ़ आ चुकी है। स्थिति ये है कि मैक्लोडगंज तक पहुंचने में पर्यटकों को जाम की भयानक स्थिति से होकर गुजरना पड़ रहा है। मिनटों का सफर घण्टों में करना पड़ रहा है। फिर भी पर्यटक बेहद खुश है। दरअसल कोविड के चलते बीते एक डेढ़ साल से मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग मानसिक और शारीरिक रूप से इस कदर अक कर थक चुके थे कि वो ज़ेहनी सकूंन के लिये पहाड़ों की ओर आने के लिये लालायित थे। वहीं मैदानी इलाकों में इन दिनों पड़ रही कड़ाके की गर्मी ने भी लोगों का जीना दूभर कर रखा है। ये भी एक वज़ह है कि लोग पहाड़ों में आकर यहां के नदी नालों में जाकर सकूंन ढूंढ रहे हैं। धर्मशाला का मशहूर भागसू वाटर फॉल इन दिनों पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। यहां वॉटर फॉल से लेकर समूचे नाले में पर्यटक जान हथेली पर लेकर नहा रहे हैं। हैरत की बात तो ये है कि पर्यटकों के चेहरों पर कोरोना का ख़ौफ लेशमात्र भी नज़र नहीं आ रहा। लोग धड़ल्ले से बिना मास्क, सोशल डिस्टनसिंग और एकसाथ जमघट लगाकर होटलों, रेस्टोरेंट्स और ढाबों में लंच, ब्रेकफास्ट और डिनर करते, नदी नालों में सैकड़ों की संख्या में नहाते नज़र आ रहे हैं। जबकि अभी भी कोरोना की तीसरी लहर का ख़तरा इंसानी दुनिया पर काले बादलों की तरह मंडरा रहा है।

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