नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय का तबादला कर दिया गया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र भेजकर कहा है कि बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त किया जाए। पत्र के मुताबिक, उन्हें 31 मई तक दिल्ली में विभाग को रिपोर्ट करना होगा।
ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र शुक्रवार को तूफ़ान प्रभावित पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे जहाँ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में भाग नहीं लिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने राज्य के लोगों के कल्याण के प्रति कठोर, अभिमानी और सर्वोच्च रूप से बेपरवाह हैं। उन्होंने अपने तुच्छ व्यवहार से संघवाद को झटका दिया है राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी पर सीधे प्रधानमंत्री का “बहिष्कार” करने का आरोप लगाया है।
चक्रवात यास ने इस सप्ताह के शुरुआत में पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य ओडिशा के तटीय इलाकों को काफी नुकसान पहुंचाया है। अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी और सीएम ममता बनर्जी की यह पहली बैठक थी।
समीक्षा बैठक से पहले ममता बनर्जी ने कहा, “मैं सिर्फ 15 मिनट के लिए वहां जाऊंगी। मैं समीक्षा बैठक के लिए वहां नहीं रहूंगी। मैं नुकसान के विवरण के साथ एक पेपर सौंप दूंगी।” बता दें कि आखिरी बार पीएम मोदी और ममता बनर्जी की मुलाकात 23 जनवरी को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के अवसर पर हुई थी। उस शाम ममता बनर्जी के भाषण के बीच “जय श्री राम” के नारे लगने लगे थे। तब वे गुस्से में अपना भाषण पूरा किए बिना ही मंच से चली गईं थीं।
सीएम ममता ने ट्वीट कर कहा, ”हिंगलगंज और सागर में समीक्षा बैठक करने के बाद, मैं कलाईकुंडा में माननीय प्रधानमंत्री से मिली और उन्हें पश्चिम बंगाल में चक्रवात के बाद की स्थिति से अवगत कराया। उन्हें चक्रवात से हुए नुकसान के अवलोकन के लिए आपदा रिपोर्ट सौंपी गई है। मैं अब दीघा में राहत और बहाली कार्य की समीक्षा करने के लिए निकल रही हूं।”