अविनाश भगत : जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की बौखलाहट के मद्देनजर यहां के उन परिवारों में बेचैनी तथा खौफ व्याप्त है, जिनका पारिवारिक सदस्य पाकिस्तान की जेल में बंद है। उन्हें आशंका है कि जिस प्रकार पाकिस्तान जम्मू कश्मीर से धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को खत्म किए जाने के बाद से लगातार भारत विरोधी साजिशों में लगा है उससे वहां की जेलों में बंद उनके परिजन की जान आफत में पड़ सकती है।
यहां के इन परिजनों को यह आशंका सता रही है कि कहीं पाक की जेलों में बंद उनके अपनों का वही हश्र न हो जोकि पंजाब के सरबजीत सिंह तथा जम्मू के अखनूर के चमेल सिंह का हुआ। इन दोनों कथित भारतीय जासूसों की जेल में नृशंस हत्या कर दी गईं थीं।
पाकिस्तान की जेलों में बंद अथवा वहां से यातनाओं भरी सजा काट कर लौटे इन लोगों के संगठन द जम्मू एक्स स्लीयूथ एसोसिएशन यानि जेईएसए ने केंद्र की मोदी सरकार से पाकिस्तान की जेल में बंद ऐसे भारतीय कैदियों की सुरक्षा की मांग को लेकर सरकार से पाकिस्तान की हुकुमत से बात करने का अनुरोध किया है। ऐसोसिएशन के प्रधान विनोद साहनी का कहना है कि जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की बौखलाहट जगजाहिर है। इसलिए उनकी ऐसोसिएशन की ओर से जम्मू कश्मीर संघ शासित प्रदेश बनने के पहले राज्यपाल गिरिश चंद मुर्मू से मिलकर उन्हें ज्ञापन देंगें। जिसमें पाकिस्तान की लाहौर कोटलखपत जेल समेत अन्य जेलों में बंद भारतीय विशेषकर जम्मू के कैदियों की जान की हिफाजत की गुहार करेंगें। ताकि उपराज्यपाल केंद्रीय विदेश मंत्रालय से इस बावत सम्पर्क कर उचित कदम उठा सकें।
बता दें कि ऐसोसिएशन के प्रधान विनोद साहनी भी पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में करीब 11 वर्ष यातनापूर्ण सजा काट कर स्वदेश लौट सके। बताया गया कि मौजूदा वक्त में जिला कठुआ के बुद्धी निवासी ओमप्रकाश की पत्नी बिशनो देवी भी पाकिस्तान की मौजूदा बौखलाहट से डरी व सहमी हुई है। बिशनो देवी ने अपने पति की पाकिस्तान की कोटलखपत जेल से सकुशल वापसी को लेकर विदेश मंत्रालय को भी कईं खत लिखे हैं।