पाकिस्तान के सिंध, इस्लामाबाद और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांतों में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 250 तक पहुंच गया है। इनमें अधिकतर मामले ईरान से आ रहे जायरीनों से संबंधित हैं। इस्लामाबाद में चार जबकि सिंध में नौ और खैबर-पख्तूनख्वा में तीन नए मामले दर्ज किए गए हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, 181 मामलों के साथ पाकिस्तान में सिंध सर्वाधिक प्रभावित प्रांत है जबकि पंजाब में 26, खैबर-पख्तूनख्वा में 19, इस्लामबाद में आठ, गिलगित-बाल्तिस्तान में तीन मामले सामने आए हैं। बलूचिस्तान सरकार ने जहां कुल 16 मामले बताए हैं, वहीं इसके विपरीत संघीय सरकार ने संक्रमितों की संख्या 15 बताई है।

पाकिस्तान में सर्वाधिक प्रभावित प्रांत में कोविड-19 के अधिकतर मामले ईरान से लौटे जायरीनों से जुड़े हुए हैं जबकि आधा दर्जन से भी कम मामले स्थानीय संक्रमण के हैं। बलूचिस्तान प्रांत में ताफ्तान से आने वाले मुख्य स्थान के साथ ही पाकिस्तान ईरान के साथ करीब 960 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।ताफ्तान सीमा को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था लेकिन ईरान के तीर्थ स्थलों से लौटे हजारों शिया पाकिस्तानियों को दो हफ्ते पृथक रहने की शर्त के साथ प्रवेश की अनमुति दी गई थी।

देश में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद से पाकिस्तान ने अब तक 1,015,900 से अधिक यात्रियों की स्क्रीनिंग की है। पिछले 24 घंटों में करीब 20,088 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है। इस बीच, बुधवार को शेख जायद नर्सिंग कॉलेज की नर्सों ने कोरोना वायरस आपातकाल के मद्देनजर सेवाएं देने से इंकार करते हुए प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। नर्सों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वायरस से बचाव के उचित उपाय किए बिना उनसे जबरन अस्पताल में काम करवाया जा रहा है।वहीं, भव्य स्वास्थ्य गठबंधन (जीएचए) के अध्यक्ष सलमान हसीब ने कहा कि बीमार व्यक्ति गंभीर हालत होने पर ही अस्पताल जाएं। कनिष्ठ डॉक्टरों के प्रतिनिधि हसीब ने यह भी कहा कि अगर उन्हें किट (कोरोना से बचाव संबंधित) नहीं दी गई तो वह आपातकालीन वार्ड में भी सेवाएं बंद कर देंगे। हालांकि, पंजाब की स्वास्थ्य मंत्री यास्मीन राशिद ने युवा डॉक्टरों की हड़ताल को अपरिक्व करार दिया।

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