नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मेडिकल एजुकेशन के अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में एनएमसी के अधिकारियों ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के कोशिश चल रही है कि रोडमैप के अनुसार 2023 की पहली छमाही में नेशनल एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) आयोजित किया जाए। यह टेस्ट मेडिकल छात्रों के बीच परीक्षा की घबराहट को दूर करने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही एक मॉक रन की भी योजना बनाई जा रही है जिसे 2022 में आयोजित की जाएगी।
यह भी चर्चा की गई कि एनईएक्स्टी (चरण 1 और 2) के परिणामों का इस्तेमाल तब किया जाएगा-
(i) क्वालिफाइंग फाइनल एम.बी.बी.एस. परीक्षा के लिए।
(ii) भारत में आधुनिक चिकित्सा पद्धति का पैक्ट्रिस करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए।
(iii) ब्रॉड स्पेशिएलिटीज में पीजी सीटों के योग्यता-आधारित आवंटन के लिए।
समीक्षा बैठक के दौरान एनईएक्सटी को विश्व स्तरीय परीक्षा बनाने के तरीकों पर भी चर्चा और विचार-विमर्श किया गया। एनईएक्सटी परीक्षा का महत्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह भारत या दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रशिक्षित के लिए एक समान होगा और इसलिए यह विदेशी चिकित्सा स्नातकों (एफएमजीएस)/ से समस्या का समाधान आपसी सामांजस्य से करेगा। बैठक को संबोधित करते हुए मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत सरकार गुणवत्तापूर्ण मेडिकल एजुकेशन और पारदर्शी परीक्षा के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे और अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर लगातार प्रयास कर रही है।

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