मदरलैंड संवाददाता, छपरा
• घर-घर योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए आईसीडीएस कार्यकर्ता कर रहें गृह भ्रमण
• आईसीडीएस के निदेशक ने योग्य लाभुकों को पंजीकृत करने के दिए निर्देश
छपरा- कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने जहाँ लोगों की चिंता बढाई है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के साथ आईसीडीएस के सामने भी सेवाओं को सुचारू रखने की चुनौती पेश की है. लेकिन ऐसी परिस्थियों में भी सरकार लोगों तक जरुरी सेवाएं पहुँचाने के लिए प्रयासरत है. जिसमें आईसीडीएस भी पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी सेवाओं को सुचारू रखने की कोशिश कर रही है. इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक आलोक कुमार ने पत्र लिखकर सभी जिलों के आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना(पीएमएमवीवाई) एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत सभी पात्र लाभुकों को पंजीकृत करने के संबंध में दिशानिर्देश दिया है.
नए पात्र लाभुकों को पंजीकृत करने के निर्देश:
पत्र के माध्यम से यह बताया गया कि कोविड-19 के कारण आईसीडीएस निदेशालय के विभिन्न योजनाओं जैसे( पोषाहार, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर) का लाभ लाभुकों तक पहुँचाने के लिए महिला पर्यवेक्षिका एवं आंगनबाड़ी सेविका द्वरा गृह भ्रमण किया जा रहा है. पत्र में बताया गया है कि इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना(पीएमएमवीवाई) एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत लंबित लाभुकों एवं नए पात्र लाभुकों को भी पंजीकृत किये जाने की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक योग्य लाभुकों को योजना का लाभ मिल सके. पत्र में सभी लाभुकों के पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
क्या है योजना:
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत बालिकाओं को लाभ पहुंचाकर प्रोत्साहित किया जाता है. जिसमें आईसीडीएस की तरफ़ से 0 से 2 वर्ष तक की प्रथम दो कन्या को लाभ दी जाती है. वहीं संस्थागत प्रसव में इजाफ़ा एवं गर्भवती महिलाओं को विशेष सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की गयी है. इस योजना के तहत प्रथम बार माँ बनने वाली माताओं को 5000 रुपये की सहायक धनराशि दी जाती है जो सीधे गर्भवती महिलाओं के खाते में पहुँचती है. इस योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को तीन किस्तों में दी जाती है. पहली क़िस्त 1000 रुपये की तब दी जाती है जब गर्भवती महिला अंतिम मासिक चक्र के 150 दिनों के अंदर गर्भावस्था का पंजीकरण कराती है. दूसरी किस्त में 2000 रुपये गर्भवती महिला को गर्भावस्था के 6 माह पूरा होने के बाद कम से कम एक प्रसव पूर्व जाँच कराने पर दी जाती है. तीसरी और अंतिम क़िस्त में 2000 रुपये बच्चे के जन्म पंजीकरण के उपरांत एवं प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के बाद प्रदान की जाती है.