प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में चुनावी अभियान का आगाज कर दिया। उन्होंने ममता बनर्जी का नाम लेकर कहा कि इस बार उन्हें जनता राम कार्ड दिखा देगी। पीएम की इस बात में धु्रवीकरण का साफ इशारा है। पिछले दिनों बंगाल में जयश्रीराम के नारे से भड़की ममता ने जिस तरह से मंच से खरी खोटी सुनाई थी, पीएम की बातों में उसी का जवाब है। अब पीएम ने राम का राग छेड़ दिया है, तो यह तय है कि चुनाव की वैतरणी भाजपा राम के सहारे ही पार करेगी।
शाह का हमला
कोंकण में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना पर जमकर हमला बोला। शाह ने कहा, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में लड़ा गया और शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर उनके नाम पर वोट मांगा। हर चुनावी रैलियों में कहा गया कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे। तब शिवसेना कुछ नहीं बोली। बंगाल की सरगर्मी के बीच शाह का इस तरह का बयान आने वाले समय में क्या गुल खिलाएगा, यह वक्त तय करेगा, मगर अभी तो राजनीति गर्म है।
ग्लेशियर बने खतरा
हिमाचल प्रदेश के हिमालयी क्षेत्रों में ग्लोबल वार्मिंग की वजह से लगातार नई झीलों का बनना जारी है। बढ़ते तापमान की वजह से ग्लेशियर पिघल रहे हैं। इससे ऊंचाई वाले इलाकों में करीब 800 छोटी-बड़ी झीलें बन चुकी हैं। 550 से ज्यादा झीलें हिमाचल प्रदेश के लिहाज से संवेदनशील हैं। इन झीलों पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद का सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज लगातार अध्ययन कर रहा है। तापमान में बढ़ोतरी की वजह से ग्लेशियरों का पिघलना पिछले कुछ समय में बढ़ा है। इसकी वजह से कृत्रिम झीलों का आकार भी बढ़ रहा है।
घाटी में जीवन पटरी पर
अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब कश्मीर घाटी में धीरे-धीरे नागरिक जीवन पटरी पर लौटने लगा है। कश्मीर का विशेष दर्जा हटने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर बहुत सारी नागरिक सुविधाएं बंद कर दी गई थीं। उनमें मोबाइल फोन सेवाएं भी शामिल थीं। इसकी वजह से वहां के लोगों को कई तरह की दुश्वारियां उठानी पड़ रही थीं। बार-बार अपील की जा रही थी कि मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी जाएं, ताकि लोगों को रोजमर्रा के कामकाज में सहूलियत हो सके, मगर आतंकी और अलगाववादी संगठनों की सक्रियता को देखते हुए ऐसा करना संभव नहीं हो पा रहा था।