नई दिली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग तेज करते हुए देश में आज से ‘टीका उत्सव’ शुरू हो रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर देश में आज यानी रविवार 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक ‘टीका उत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। इसस टीका उत्सव का उद्देश्य अधिक से अधिक योग्य लाभार्थियों का टीकाकरण करना है। इस बीच कई राज्यों ने टीकों की कमी की भी शिकायतें की हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सप्लाई भी तेज कर दी है। ‘टीका उत्सव’ के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे कई राज्य योग्य लोगों से टीका लगवाने की अपील कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लोगों से अपील की है कि ‘टीका उत्सव’ के दौरान बड़ी संख्या में वे टीका लगवाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत ने 85 दिन में 10 करोड़ टीके लगाए हैं और वह दुनिया का सबसे तेज टीकाकरण अभियान चलाने वाला देश बन गया है। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका को टीके की 10 करोड़ खुराक देने में 89 दिन लगे जबकि चीन को इस कार्य में 102 दिन लग गए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी भारत में सबसे तेज टीकाकरण को दर्शाने वाला एक चार्ट ट्वीट किया और इसे ‘स्वस्थ एवं कोविड मुक्त भारत के लिए मजबूत प्रयास करार दिया।
कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण अभियान की गुरुवार को मुख्यमंत्री के साथ समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे अपील की थी कि उन सभी लोगों का टीकाकरण कराने पर ध्यान केंद्रित करें जो 45 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘कभी-कभी इससे माहौल बदलने में मदद मिलती है। ज्योतिबा फुले की जयंती 11 अप्रैल को है और 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती है। क्या हम ‘टीका उत्सव का आयोजन कर सकते हैं और टीका उत्सव का माहौल बना सकते हैं? पीएम मोदी ने कहा था, ‘हमें विशेष अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक योग्य लाभार्थियों का टीकाकरण करना चाहिए और इसकी बर्बादी बिल्कुल नहीं हो इस पर विचार करना चाहिए। ‘टीका उत्सव’ के दौरान अगर चार दिनों में बर्बादी नहीं होगी तो इससे हमारे टीकाकरण की क्षमता बढ़ेगी।’ कुछ राज्यों ने जहां टीके की आपूर्ति में कमी का मुद्दा उठाया वहीं केंद्र ने कहा है कि सभी राज्यों को पर्याप्त संख्या में टीके आवंटित किए गए हैं।

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