मदरलैंड संवाददाता,

 एक तरफ कोरोना के दहशत और जुम्मे की आखरी नमाज अदा करना बिहार के अधिकांश जगहों पे लोगो ने अलविद की नमाज मुस्लिम समुदाय के द्वारा घरो में ही अदा की गई जैसे कि मोतिहारी में कोरोना संकट के बीच रमजान माह का आज अलविदा का नमाज मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा पढ़ा गया। रमजान के महीने के आखिरी शुक्रवार को आज अलविदा का नमाज अता किया गया है। लोगों ने बेहद सादगी से अलविदा का नमाज अपने अपने घरों में अदा किया। जिले के मस्जिदों में अलविदा के नमाज में मस्जिद के मौलवियों के अलावे पांच सात लोगों ने सोशल‌ डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अता कि‌‌ बड़ों के साथ साथ बच्चों ने भी अपने अपने घरों में  अलविदा का नमाज पढ़ा।  इस बावत ईरशादुल्लाह राजा ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण से इस बरस रोजा और ईद फिके ही रहेंगे ‌। इधर के सप्ताह में  जिले में  कोरोना संक्रमितों की संख्या में उछाल को देखते हुए जहां शासन‌ प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दिया है वहीं आम लोगों के साथ साथ मुस्लिम समुदाय भी सुरक्षा मानकों तथा सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरे तौर पर पालन करते हुए अलविदा का नमाज भी पढ़ा और ईद भी बेहद संजीदगी से मनाया जाएगा।

वंही बेतिया में भी रमज़ान की पवित्र महीने के आखरी जुम्मे को सभी मुस्लिम भाईयों ने पाक साफ हो कर सदियों से अलविदा की नमाज अदा करते आ रहें हैं लेकिन 2020 साल का रमजानुल पाक महीना देश की तंगी और महामारी के बीच से गुजरना पड़ रहा है।देश में फैल रही कोरोना वायरस जहाँ लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया।कोविड-19 का बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत सरकार ने देश में लॉक डाउन का एलान कर दिया।मुस्लिम भाईयों ने लॉक डाउन का पालन करते हुए रमज़ान के पाक महीनों में पढ़े जाने वाले तरावीह, जुम्मे की नमाज लोगों ने अपने घरों पर अदा करते रहे।हर साल रमज़ान के आखिरी जुम्मे को सभी मस्जिदें सज धज कर तैयार रहता था।बेतिया का जंगी मस्जिद जहाँ लोग सड़कों तक लम्बी कतार लगा कर अलविदा की नमाज अदा करते थे लेकिन अलविदा के समय सड़कों पर गाड़ियां दौड़ती हुई नजर आयी। वहीं इस बार लॉक डाउन को लेकर जिले की सभी मस्जिदें वीरान देखी गई।प्रत्येक साल अलविदा के दिन जहां बाजारों में रौनक दिखती थी कपड़ा,श्रृंगार, सेवई आदी दुकानों में लोगों की कतार लगी रहती थी आज सभी बाजारों में वीरानगी छाई हुई है।पटना के इमारते ए शरीया ने भी चिठ्ठी जारी करते हुए बताया है कि सभी मुस्लिम भाई अलविदा और ईद उल फितर की नमाज अपने घरों में पढ़ें।कमोबेस यही स्थिति सम्पूर्ण बिहार में दिखाई दे रही है।

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