नई दिल्ली। भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत का लक्ष्य टोक्यो पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतना है। भारतीय बैडमिंटन दल शुक्रवार को टोक्यो के लिए रवाना होगा और भगत इन खेलों में स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार हैं। भगत का मानना है वह मानसिक रूप से मजबूत हैं। एशियाई और विश्व चैंपियन 33 साल के भगत ने टोक्यो पैरालंपिक के लिए दो स्पर्धाओं में क्वालीफाई किया है। वह पुरुष एकल एसएल3 और मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5 में पलक कोहली के साथ भाग लेंगे। गौरतलब है कि एसएल3 में वे खिलाड़ी आते हैं जिन्हें खड़े रहने में मामूली समस्या होती है या उनके निचले अंग में समस्या होती है जबकि एसयू5 में वे खिलाड़ी शामिल होते हैं जिनके ऊपरी अंग में समस्या होती है। बचपन में पोलियो से प्रभावित हुए भगत ने में कहा, ‘अपनी पेशेवर यात्रा शुरू करने के साथ ही मुझे इस दिन का इंतजार था। यह एकमात्र पदक है जो मेरी उपलब्धियों का हिस्सा नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘अभी मैं सर्वश्रेष्ठ लय में हूं और मेरी मानसिकता इस दुनिया में सबसे मजबूत है। मेरे कोच और ट्रेनर ने मेरे ऊपर काफी काम किया है। मेरी कुछ खामियां हैं जिस पर मैं धीरे धीरे काम कर रहा हूं।’ पैरा बैडमिंटन पैरालंपिक में पदार्पण कर रहा है। भगत ने कहा, ‘मैं एक अरब 40 करोड़ भारतीयों को निराश नहीं करना चाहता जो मेरे पीछे हैं, मेरा लक्ष्य भारत को पैरालंपिक बैडमिंटन में पहला स्वर्ण पदक दिलाना है। मेरा लक्ष्य दो स्वर्ण पदक हैं, एक एकल में और एक मिश्रित युगल में।’
उन्होंने कहा, ‘साथ ही नंबर एक खिलाड़ी होने से विश्व स्तर पर परिणाम देने का दबाव होता है, मैं इससे अपने लिए प्रेरणा के तौर पर देखता हूं। हमें भारत के लिए कम से कम तीन से चार पदक जीतने की उम्मीद है।’ भगत ने अप्रैल में दुबई पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में दो स्वर्ण पदक जीते थे जब इस खेल ने महामारी के कारण एक साल के ब्रेक के बाद वापसी की थी। उन्होंने एकल में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा मनोज सरकार के साथ मिलकर एसएल4-एसएल3 वर्ग में पुरुष युगल का स्वर्ण पदक भी जीता था।

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