मदरलैंड संवाददाता,
रघुनाथपुर (सीवान) ।वैश्विक महामारी कोविड-19 से समूचा मानव जाति का जीवन संकट में है।कोरोना महामारी को तेजी से फैलने को रोकने हेतु करीब ढाई महीनों तक देशव्यापी लॉकडाउन लगा था।लेकिन जब सरकार को अहसास हुआ की लोग महामारी से ज्यादे प्रभावित लॉकडाउन से हो रहे है तो धीरे-धीरे आवश्यक कार्यो के लिये स्थानीय प्रशासन की सहमति से छूट दी जा रही है।लेकिन किसी भी सूरत में 15 अगस्त से पहले शिक्षण संस्थानों को खोलने की छूट/अनुमति नही है।बताते चले की सीवान जिले के रघुनाथपुर प्रखण्ड मुख्यालय के 100 गज के अंदर,नवादा मोड़,थाना के पीछे,राजपुर,चकरी बाजार सहित अन्य लगभग सभी जगहो पर कानून को ताक पर रखकर कुछ कोचिंग संचालक धड़ल्ले से कोचिंग सेन्टर चला रहे है।कोचिंग के लिए जाते छात्र व छात्राएं बिना मास्क लगाए ही देखे जा रहे है।ऐसा नही है कि उक्त कोचिंग जनसेवा या शिक्षा का अलख जगाने के भाव से चलाया जा रहा है,अपितु मोटी रकम वसूली के लिये चलाए जा रहे है।
बिहार में कानून तोड़ने के लिये लोगो को कानून के रखवाले ही उकसाते है,इसीलिये बिहार बदनाम है।जो अवैध रूप से कोचिंग का संचालन कर रहा है उसकी तो चांदी ही चांदी है।क्योकि कोई रोकने टोकने वाला है नही।जबकि कानून का सम्मान करते हुए बहुतेरे कोचिंग संचालक अपने संस्थानों को बन्द रखे है,वो अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है।यू कहे तो कानून का अक्षरशः पालन बिहार में कई दशकों से नही होता रहा है।फिर वर्तमान की सरकार कैसे और किस मुंह से कह रही है की बिहार में कानून का राज है।रघुनाथपुर प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी मीनू कुमारी ने कोरोना काल मे अवैध रूप से कोचिंग का संचालन कर रहे संचालकों पर कठोर कारवाई करने की बात कही है।