नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं। पिछले हफ्ते टेलीविजन चैनलों और कुछ अखबारों में कहा गया था कि अभिजीत मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे। मैंने इस बारे में किसी को कुछ भी नहीं बताया है! पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने बीते शुक्रवार को ये ट्वीट किया था, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया। उसी दिन मुखर्जी ने कहा था ‎कि ‘मैं कांग्रेस में ही रहूंगा. मेरे टीएमसी या किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने की खबरें गलत हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक अभिजीत मुखर्जी ने बीते हफ्ते टीएमसी नेताओं से मुलाकात की थी। ऐसी अटकलें हैं कि टीएमसी अभिजीत मुखर्जी को जंगीपुर विधानसभा सीट की पेशकश करेगी। उनके पिता प्रणब मुखर्जी दो बार जंगीपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस सांसद बने थे। 2012 में प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए ये सीट छोड़नी पड़ी थी।
मुखर्जी ने मजाकिया लहजे में कहा ‎कि मैं अभी तृणमूल भवन से लगभग 300 किमी दूर जंगीपुर हाउस में बैठा हूं, इसलिए जब तक कोई मुझे टेलीपोर्ट नहीं करता, मेरे लिए किसी भी पार्टी में शामिल होना असंभव होगा। अभिजीत मुखर्जी के टीएमसी ज्वॉइन करने की अटकलों को उस समय बल मिला, जब प्रणब मुखर्जी के पूर्व कांग्रेसी सहयोगी जो अब तृणमूल में हैं, उनके यहां चाय पर आए थे। अभिजीत मुखर्जी ने कहा ‎कि उनमें जंगीपुर से सांसद खलीलुर रहमान, मुर्शिदाबाद से सांसद अबू ताहिर खान और तृणमूल मंत्री अखरुज्जमां और सबीना यस्मीन शामिल थे।उन्होंने कहा ‎कि मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं, क्योंकि वे मेरे पिता के करीब थे, :मित्र मुझसे मिलने आए थे, इस आधार पर ऐसी अटकलें लगाना सही नहीं है कि मैं तृणमूल में शामिल हो जाऊंगा। राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणब मुखर्जी 2004 और 2009 में दो बार जंगीपुर से निर्वाचित हुए थे। उनके द्वारा शुरू की गई कई परियोजनाएं अब लागू हो चुकी हैं।

Previous articleगलत आरोप लगाने वालों पर हो मुकदमा दर्ज: सत्येंद्र दास
Next articleपंजाब में मुख्यमंत्री चेहरे के साथ मैदान में उतरेगी कांग्रेस, नवजोत सिद्धू पर संशय बरकरार -शिअद-बसपा ने गठबंधन के मद्देनजर कांग्रेस जल्द ही कई नीतिगत व संगठनात्मक बड़े फैसले लेगी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here