शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए केंद्र की सत्ताधारी भाजपा और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति शासन के माध्यम से सत्ता को संघ परिवार यानी की भाजपा के हाथों में रखा गया है। शिवसेना के अनुसार, राष्ट्रपति शासन की पटकथा पहले ही लिख ली गई थी और कोई अदृश्य शक्ति इसको संचालित कर रही थी।

गवर्नर को परोक्ष चेतावनी
सामना में देवेंद्र फडणवीस को घड़ियाली आंसू बहाने वाला कहा गया है, तो इसके साथ में गवर्नर को परोक्ष चेतावनी भी दी है। शिवसेना ने सामना में लिखा है कि, ‘प्रदेश में राष्ट्रपति शासन का सिलबट्टा घुमा दिया गया है और इस पर कोई घड़ियाली आंसू बहाए तो उसे एक ‘स्वांग’ के रूप में देखा जाना चाहिए। CM श्री फडणवीस राष्ट्रपति शासन को दुर्भाग्यपूर्ण कहते हुए व्यथित हैं। मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की है कि राजनीतिक अस्थिरता की वजह से महाराष्ट्र में होने वाले निवेश पर विपरीत परिणाम होगा। ये उनका मिथ्या विलाप है। महाराष्ट्र पर जो राष्ट्रपति शासन का सिलबट्टा घुमाया गया है उसकी पटकथा पहले से ही लिखी जा चुकी थी।

महाराष्ट्र की सत्ता परिवार में ही रह गई…
सामना में आगे लिखा गया है कि, राष्ट्रपति शासन लागू करने से महाराष्ट्र की सत्ता परिवार में ही रह गई। इसलिए अस्ताचल सरकार के लोग प्रसन्न हैं ये उनके आनंदयुक्त चेहरे को देखकर साफ दिखता है। जो शिवसेना के साथ हुआ वही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ भी हुआ। राष्ट्रवादी-कांग्रेस को सत्ता स्थापना के लिए रात साढ़े 8 बजे तक का समय दिया गया था।

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