पीएम मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन 2 लागू किया है। पीएम के इस लॉकडाउन के अलावा राज्यों ने भी सख्त लॉकडाउन लागू किया है। वही, इन दिनों डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों पर मरीजों की ओर से थूकने की घटनाएं सामने आई हैं। थूकने की इन घटनाओं ने हमारे देश के एक असभ्य पहलू को दिखाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात रेडियो कार्यक्रम के जरिए इसी आदत को लेकर लोगों को एक खास संदेश दिया। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि थूकने की आदत को छोड़ने की कोशिश करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण ने हमे कई तरह की जागरुकताओं से दो-चार किया है।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे समाज में एक और जागरूकता जो सामने आई है, वह सार्वजनिक रूप से थूकने के नुकसान के बारे में है। यहां थूकना और बुरी आदतों का एक हिस्सा था। यह स्वच्छता और हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती भी पेश कर रहा था। एक तरह से, हम हमेशा जागरूक थे लेकिन यह समस्या समाज से दूर नहीं जा रही थी।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि इस बुरी आदत को हमेशा के लिए मिटा दिया जाए। उन्होंने साथ ही कहा कि इसे लागू करने में भले ही देर हो गई हो लेकिन हमारे देश में ऐसी कहावत है कि दुर्घटना से देर भली। उन्होंने कहा कि यह बाद में हो सकता है, लेकिन थूकने की इस आदत को अभी से छोड़ देना चाहिए। इन बातों से न केवल बुनियादी स्वच्छता का स्तर बढ़ेगा बल्कि कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साथ ही कहा कि के कारण बदलते समय में मास्क हमारे जीवन का हिस्सा बन रहे हैं और वे अब सभ्य समाज का प्रतीक बन जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक ‘गमछा’ पहनना के लिए फिर से संकल्प लिया, जो उन्होंने संकट के बीच अपने मुंह और नाक को ढंकने के लिए पहना था।

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