पटना। जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार के 10 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गौर से सुना है। अब उनके निर्णय का इंतजार है। इस दौरान तेजस्‍वी यादव ने नीतीश कुमार के साथ बढ़ रही नजदीकियों पर कहा कि राष्‍ट्रीय हित और विकास के मुद्दों पर विपक्ष हमेशा सरकार का साथ देने को तैयार रहता है। सबसे खास बात यह है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने एक दूसरे की तारीफ की और सियासी अदावत की कोई झलक नहीं दिखी। इन नजदीकियों के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद जब सीएम नीतीश और तेजस्वी यादव एक साथ मीडिया से बात करने आए तो जो तस्वीर सामने आई वह काफी कुछ बयां करती है। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव सबसे पहले एक साथ बाहर आए, जबकि इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 10 राजनीतिक दलों के 11 प्रतिनिधि गए थे। नीतीश और तेजस्वी बाहर आए और दोनों ने इकट्ठा होकर काफी देर तक बात भी की। माहौल बेहद सौहार्दपूर्ण था, लेकिन यही बात बिहार की सियासत में हलचल पैदा करने वाली थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या ऐसे हालात में बिहार की सियासत की तस्वीर बदल सकती है? यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि जातीय जनगणना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करवाने के प्रस्ताव का पूरा क्रेडिट नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को दिया। सीएम नीतीश ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के प्रस्ताव पर ही प्रधानमंत्री मोदी से जातीय जनगणना के मुद्दे पर बात हो सकी है।

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