मदरलैंड संवाददाता, भैरोगंज
वैश्विक कोरोना संक्रमण के बीच दुनिया के मुकाबले हमारे यहाँ स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में था । परन्तु जैसे ही प्रवासी मजदूरों ने बिहार वापसी आरम्भ किया है।स्थानीय लोगों के द्वारा आशंका जाहिर की जा रही है के बाढ़ या सैलाब की शक्ल में लौटते मजदूरों का ये जत्था बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था के दरम्यान सिरदर्द बन सकते है। संभावित कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
परिस्थितियों को देखकर लोगो मे दहशत है।
लोगों का मानना है के विश्व में महाशक्ति माने जाने वाले देश आज कोरोना के कारण घुटनों के बल बैठ गए हैं। इन हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश मे लॉक डाउन के साथ सोशल डिस्टेंस जैसे नियमों को कड़ाई के साथ लागू किया है। सब कुछ ठीक चल रहा था। शायद इन्हीं लागू नियमों का परिणाम था के अन्य देशों के मुकाबले हमारे देश मे संक्रमण का औसत बहुत कम है।लेकिन अब समस्या बिहार और बिहारी की है। हमारे यहाँ स्वास्थ्य सेवाओं का हाल कोई ढ़कीछुपी बात नहीं है । ऎसी परिस्थिति में प्रवासी मजदूरों का जत्था वापस लौटने लगा है। इस वापसी के दरम्यान संक्रमण फैलने की आशंका जाहिर की जा रही है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक अकेले भैरोगंज में करीब तीन दर्जन प्रवासियों का लौटना हुआ है। जिसमे केवल जयपुर के चाकसू से कई दिनों की थका देंने वाली साइकिल के सफर को पूरा करते हुये करीब 18 मजदूरों का जत्था बीते बुधबार को पहुंच गया है । हालांकि इनके पास चाकसू के मेडिकल जांच की पर्ची है। उपरोक्त लोगों के अलावा अन्य मजदूर भी देश के विभिन्न हिस्सों से वापस आ गए हैं। परंतु समाचार प्रेषण तक उनको कवारेंटन नहीं किया जा सका। आशय के सन्दर्भ में मजदूरों ने बताया कई दिनों के सफर के उपरांत थकेहारे वे पहले अपने घर नहीं गए। बल्कि भैरोगंज स्थित कवारेंटन सेंटर के मुख्यद्वार पर कवारेंटाइन होने के मकशद से खड़े रहे । लेकिन उनकी सुधी किसी ने नहीं लिया। घंटो खड़े रहने के उपरांत अंत मे मुखिया प्रतिनिधि से मोबाईल पर संपर्क करने की कोशिश की ।लेकिन उनका मोबाईल स्विचऑफ था। अंत मे बगहा प्रखंड विकास पदाधिकारी को सूचित किया गया । मजदूरों के अनुसार वीडियो बगहा ने उन्हें शीघ्र कवारेंटन करने का आश्वासन दिया । लेकिन समाचार संकलन के लिए भेजे जाने तक ये मजदूर व्यवस्था की बाट जोह रहे है । इसतरह देखा जाय तो प्रवासियों की व्यवस्था सवालों के घेरे में है। स्थानीय लोगों का कहना है के कोरोना संक्रमण की बड़ी वजह व्यवस्था की लापरवाही साबित हो सकती है।फिलवक्त राजकीय उत्क्रमित उच्चतर विद्यालय भैरोगंज में स्थापित सेंटर के व्यवस्था कार्य में कार्यरत्त से मौके पर मुलाकात हो गयी। पूछने पर उन्होंने ने बताया के प्रशासन के आदेशानुसार यहाँ रेडजोन से आने वाले लोगों को रखने का का आदेश नहीं है।
बहरहाल, स्थानीय लोगों का कहना के राजकीय उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भैरोगंज को कवारेंटन सेंटर में बदला गया है। लोगो का कहना है के उपरोक्त सेंटर रिहाइशी ईलाके के ठीक मध्य भाग में अवस्थित है। इस सेंटर से निकल कर लोग यदाकदा बाहर घूमते हैं। जो किसी अनहोनी के कारण बन सकते हैं।फिलहाल लोगों के विरोध प्रकट करने के बाद सेंटर को निजि व्यवस्थापक के द्वारा पूरी तरह शील कर दिया गया है। बावजूद इसके लोगों में रिहाइशी इलाके में सेंटर बंनाये जाने को लेकर दहशत के साथ आक्रोश भी कायम
है।अलबत्ता, भैरोगंज थानाध्यक्ष जयनारायण राम ने प्रवासी मजदूरों के संबंध में बताया के मुखिया प्रतिनिधि के सहयोग से उनकी पहचान कराई जा रही है। उन्हें बगहा जांच के लिए भेजा जा रहा है। ततपश्चात उन्हें कवारेंटन किया जाएगा।