मदरलैंड सम्वादाता,

मांझी। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण बाहर से किसी भी तरह  अपने गृह क्षेत्र में पहुंचे प्रवासी मजदूरों के साथ सही व्यवहार नही होने की बातें सामने आ रही है। उनके दर्द को कोई सुनने व बांटने वाला कोई नही दिख रहा।  निवेदन के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर उनके स्वास्थ्य -जांच के प्रति न तो कोई गम्भीरता दिखाई दे रही है और न उनके ठहरने के लिए हीं उचित व्यवस्था की जा रही है। कोई मार्गदर्शन को भी तैयार नही है। जिससे प्रशासनिक व्यवस्था पर लगातार अंगुली उठ रही है।
हरियाणा से एक लाख रुपये किराया देकर बस से  पहुंचे 28 मजदूरों की परेशानी सुन कर किसी भी  व्यक्ति को दया आ जाएगी। जिनमे ज्यादातर लोग झखड़ा, जैतपुर आदि गांवों के हैं।  मजदूरों ने बताया कि जब हम अपने गांव के लिए बस से निकले तो काफी खुश थे। रास्ते मे कई जगहों पर लोगों ने पूछ-पूछ कर खाना खिलाया। किसी तरह हम जब अपने गृह क्षेत्र में पहुंचे हैं तो यहां हमारी  स्वास्थ्य जांच करने वाला भी कोई नही है। ठहरने के लिए जब हम ताजपुर स्थित कोवारेंटाइन सेंटर पर पहुंचे तो पुलिस समेत कई कर्मी मौजूद थे। मगर बताया गया कि अभी यह सेंटर चालू नही किया गया है। आप लोग दूसरे जगह पर जायँ। आखिर हमारी व्यवस्था करने की जिम्मेवारी यहां के प्रशासन की है। हम बिना जांच कराये और बिना लिखित अनुमति के अपने घर पर भी नही रह सकते। हम भी अपनी जिम्मेवारी समझते हैं। मगर क्या करें। फिलहाल ये मजदूर एक विद्यालय पर ठहरे हैं। सरसरी निगाह भी डाली जाय तो हर गांव में करीब एक दर्जन लोग विभिन्न माध्यमों से अपने घर पहुंचे हैं। उनकी जांच भी नही हुई है। जानकारी देने पर कोई भी अधिकारी इनकी सूचना को गम्भीरता से लेने को तैयार नही है। सभी पल्ले झाड़ रहे हैं।

Click & Subscribe

Previous articleजिला विधिक सेवा प्राधिकार टीम द्वारा कोरेन्टीन सेंटर का निरीक्षण किया गया
Next articleपटना,एसएसपी ने हत्या की घटनाओं की निरीक्षण किया,मामला दो युवकों की हत्या का…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here