नई दिल्ली। राजधानी के एक प्राइवेट स्कूल को एनजीओ जस्टिस फॉर ऑल ने गलत फीस वसूलने को लेकर नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि स्कूल ने वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या की है। स्कूल ने चार्ज में 15 फीसदी की छूट दी है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेच के आदेश को चुनौती देने वाले वकील का कहना है कि स्कूलों को कुल सालाना फीस पर 15 फीसदी छूट देनी है। यह नोटिस अशोक विहार स्थित कुलाची हंसराज स्कूल को भेजा गया है। एक अन्य स्कूल, पीपी इंटरनेशनल स्कूल, पीतमपुरा ने भी कथित तौर पर मील, ट्रांसपोर्ट एक्विटी चार्ज भी लगाया है। जबकि अभी फिजिकल क्लासेज शुरू भी नहीं हुई हैं।
अप्रैल 2020 में, पहले लॉकडाउन के बाद, दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी किया था। उस आदेश में प्राइवेट स्कूलों को वािर्षक और विकास शुल्क लेने पर रोक लगाई थी। बाद में दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच 31 मई को स्कूलों को कुछ छूट के साथ 2020-21 के लिए यह शुल्क लेने की अनुमति दी। इसके बाद माता-पिता और दिल्ली सरकार की ओर से जस्टिस फॉर ऑल ने इसे कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके लिए डबल बेंच ने आदेश पारित किया कि वर्ष 2021-22 के लिए भी रियायत दी जाए। वकील का कहना है कि स्कूल ने आईटी शुल्क जोड़ा है, जो वास्तव में ट्यूशन फीस का एक हिस्सा है। कुछ स्कूल लॉकडाउन के बाद की अवधि के बजाय अप्रैल 2020 से ही चार्ज कर रहे हैं। यह स्कूलों की ओर से गलत है। नोटिस में स्कूल को सर्कुलर वापस लेने के लिए कहा गया है। यदि ऐसा नहीं होता है तो स्कूल के खिलाफ सिविल या क्रिमिनल कार्यवाही की जाएगी। हालांकि, स्कूल के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है।