मदरलैंड संवाददाता, बेतिया

बिहार में एक लाख प्रारंभिक शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया पिछले वर्ष प्रारम्भ हुई थी। अभ्यर्थियों ने कई नियोजन इकाईयों में आवेदन किया। मेधा सूची निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी थी। इसी बीच कुछ कारणों से शिक्षक नियोजन का प्रक्रिया सरकार ने स्थगित भी कर दिया। ऐसे में कई महीने बीतने के पश्चात भी इसपर ठोस निर्णय नहीं आने के कारण बहाली को पुनः प्रारंभ करने के मुद्दे को लेकर सोमवार को राज्यभर के शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा ट्विटर कैंपेन चलाया गया है। शिक्षक भर्ती के इस मुहिम को ट्विटर पर करीब एक लाख लोगों समेत कई राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल हुआ। पूरा दिन यह मुद्दा बिहार में प्रथम स्थान पर ट्रेंडिंग करता रहा। वहीं भारत मे यह मुद्दा टॉप 20 में सफर करता रहा। लॉकडाउन में सोशल मीडिया के माध्यम से ही टीईटी अभ्यर्थी अपनी मांग सरकार तक पहूँचा रहे हैं।
बिहार टीईटी/सीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक बहाली मोर्चा के प्रदेश संयोजक सोनू कुमार सोनी ने सरकार पर जान बूझकर मामलें को अटकाने का आरोप लगाते हुए कहा की एनआईओएस मामले पर सरकार बहाली को लेकर एनसीटीई से जबाब के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है। इधर शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया बाधित होने से राज्यभर के सारे टीईटी अभ्यर्थियों निराश हैं और सरकार इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। उन्होंने कहा की सरकार की उदासीन रवैया इसी तरह से रही तो लॉकडाउन समाप्ति के साथ ही शिक्षक अभ्यर्थी मजबूर होकर सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।

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