शिमला। बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा से जुड़े जमीन के मामले में जिला प्रशासन को फिर से शिकायत मिली है। जिला प्रशासन पुराने आदेशों की जांच करेगा कि कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई है। इस मामले की 2014 में भी जांच हो चुकी है। उस समय कंपनी की कोई गलती नहीं पाई गई थी।
तत्कालीन उपायुक्त के कोर्ट ने इस मामले में कंपनी के पक्ष में फैसला दिया था। अब फिर से शिकायत आई है। इसकी तफ्तीश कर रहे हैं, यदि इसमें कुछ लगता है तभी दोबारा कार्रवाई के लिए सरकार से मंजूरी ली जानी है। इसके बाद ही आगे कुछ किया जा सकेगा। डीसी शिमला आदित्य नेगी ने बताया कि नालदेहरा में 1998 में एक गोल्फलिंक नाम की कंपनी ने धारा 118 के तहत मंजूरी लेकर जमीन खरीदी थी।
कंपनी को नियमों के तहत एक साल में भूमि का पंजीकरण व दो साल में काम शुरू करना था। कंपनी ने इस बीच कोई कार्य शुरु नहीं किया। कंपनी की ओर से इन नियमों की अवहेलना करने की शिकायत 2012 में की गई थी। जून 2012 में केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। सन 2014 में कंपनी के पक्ष में फैसला लिया गया। इसमें किसी तरह के नियमों की अवहेलना नहीं पाई गई।
चंडीगढ़ की कंपनी ने इसी बीच यह जमीन प्रीति जिंटा व उनकी मां की कंपनी को बेच दी थी। जिसके चलते यह विवाद नियमों के तहत सही पाया गया है। अब फिर इस मामले में शिकायत आई है। शिकायत पर एक बार फिर से तफ्तीश की जा रही है, यदि कुछ पाया जाता है, तो इस मामले में सरकार से मंजूरी के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
ज्ञात हो कि अभिनेत्री प्रीति जिंटा शिमला जिला के रोहड़ू क्षेत्र की रहने वाली है। उन्होंने नालदेहरा में जमीन खरीदी है, जिसकी विवाद के बाद फिर से जांच की जाने वाली है।

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