मदरलैंड संवाददाता, दारौंदा (सीवान)
दारौंदा (सीवान) ।एसएफआई के केन्द्रीय कमिटी के आह्वान पर सोशल डिस्टेशिंग का पालन करते हुए अभियान प्रोटेस्ट फ्रॉम होम के तहत अपने घर के छत से हस्तलिखित पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शन किया गया।पोस्टर प्रदर्शन के दौरान एसएफआई के राज्याध्यक्ष शैलेन्द्र यादव ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें लाकडाउन का दौरन परेशानी झेल रहे छात्रों एवं प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर पुरी तरह से संवेदनहीन बनी हुई है ।सरकार को सिर्फ अपने मंत्रियों और विधायकों के लाडलों की चिंता है।एक तरफ सांसद एवं विधायकों के लाडलो को घर बुलाने के लिए स्पेशल गाडी की व्यवस्था की जा रही है तो दूसरे तरफ छात्रावावासों एवं नीजी मकानो मे फंसे छात्रों के साथ साथ प्रवासी मजदूर एव उनके परिवार भूखमरी की मार झेल रहे है । हद तो तब हो जाती है जब इस वैश्विक महामारी से फटेहाल हुए गरीब परिवार जिनके निवाले के लिए सरकार आटा नही उपलब्ध करा रही उनके बच्चों को पढने के डाटा की नसीहत देकर आनलाईन क्लासेज चलाकर गरीबो को शिक्षा से दूर करने की नापाक षड्यंत्र रच रही है।पोस्टर प्रदर्शन के माध्यम से निम्नलिखित मांगो के तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की गई।भाषण नही राशन दो,छात्रावास शुक्ल एव रुम रेन्ट माफ करो।विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति ,वजिफा एव प्रोत्साहन की राशि अविलम्ब उनके खाते मे स्थानांतरित किया जाय ।कोवीड-19 के दौरान राज्य से बाहर या देश से बाहर फंसे छात्रों को उनके बुनियादी जरुरत की चीजे मुहैया कराने के साथ साथ उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुचाने की गारन्टी सरकार करे ।प्रवासी मजदूरों को नगद आर्थिक मदद देने के साथ उनके घरों तक उन्हे पहुचाने की समुचित व्यवस्था सरकार अविलम्ब करे ।लाकडाउन के दौरान विश्वविद्यालयों एव शिक्षा विभाग आनलाईन क्लासेज चलाकर गरीब एवं सुदूर ग्रामीण ईलाके के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड करना बंद करो।