नई दिल्ली। यमुनापार के प्रीत विहार इलाके में इलाके में पुलिस ने ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जिसके सदस्य खुद को ऑनलाइन शॉपिंग की मशहूर कंपनी अमेजन की टेक्निकल टीम का हिस्सा बताकर अमेरिकी नागरिकों से ठगी करता था। पुलिस की मानें तो इस कॉल सेंटर के जरिये आरोपियों ने अब तक हजारों विदेशी लोगों को अपना शिकार बना करीब 8 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। दिल्ली पुलिस ने इस कॉल सेंटर में छापेमारी कर 18 लड़के और 3 लड़कियों समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 24 डेस्क टॉप और 38 मोबाइल बरामद किए हैं। कॉल सेंटर से सस्ते रेट पर सामान बेचने का ऑफर देकर भी ठगी का धंधा चलाया जा रहा था।
डीसीपी दीपक यादव का कहना है कि स्पेशल स्टाफ को 8 अप्रैल को प्रीत विहार के स्कोप मिनार के करीब डीडीए कॉम्प्लेक्स में अमेजन कंपनी के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर चलाए जाने की सूचना मिली। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने गुरुवार रात करीब 11 बजे छापेमारी कर मैनेजर, सुपरवाइजर्स और ऑपरेटर्स को दबोचा और प्रीत विहार थाने में धोखाधड़ी, ठगी, आपराधिक साजिश और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया।
पूछताछ में आरोपियों ने यह खुलासा किया कि वे लोगों को अमेजन टेक्निकल सपोर्ट टीम से होने का झांसा देकर एक पहले से रिकॉर्ड मेसेज भेजते थे। इसमें बताया जाता था कि उनके अकाउंट से अवैध खरीदारी हुई है। लिहाजा वह दिए गए टॉल नंबर पर कॉल करें। कस्टमर के कॉल करते ही ये लोग गूगल गिफ्ट कार्ड्स या आई-ट्यून्स कार्ड के जरिए हजारों डॉलर ऐंठ लेते थे। प्रॉक्सी सर्वर के जरिए समस्या में फंसे कस्टमर से भी कनेक्ट कर ठगी होती थी। फर्जी कॉल सेंटर में नौकरी पर रखने वाले की अंग्रेजी में बातचीत करने के कौशल पर खास ध्यान दिया जाता था। चूंकि विदेशी इनके टारगेट पर होते थे तो खासकर विदेशी लहजे में बोलने को वालों को यहां प्राथमिकता दी जाती थी। एक कॉलर को औसतन 25 से 30 हजार रु, जबकि टीम लीडर को 50 से 60 हजार रु सैलरी दी जाती थी। तफ्तीश में छूट का झांसा देकर भी ठगी करने की बात सामने आई है। बहरहाल पुलिस अन्य कोणों से भी जांच कर रही है।

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