नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के सैदुलजबाद में महरौली थाना पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए सरगना समेत 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 12 युवतियां भी शामिल हैं। पुलिस ने 25 कंप्यूटर और राउटर बरामद किए हैं। यहां से दो साल में बेरोजगारों और दिव्यांगों को भत्ता दिलाने के नाम पर 700 अमेरिकी नागरिकों से लाखों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। गैंग के सरगना कमल दास ने ठगी के लिए आठ से 40 हजार रुपये के वेतन पर लोगों को रखा हुआ था। पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि एसआई अमित, एएसआई रितेश, हेड कांस्टेबल जितेश की टीम को सैदुलजबाद के केहर एस्टेट स्थित एक इमारत में फर्जी कॉल सेंटर चलने की सूचना मिली। पुलिस टीम ने गुरुवार को इमारत की तीसरी मंजिल पर छापा मारा। कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से कॉल सेंटर में बैठे हुए कर्मचारी अमेरिकी नागरिकों से बात कर रहे थे। पुलिस ने कॉल सेंटर के मालिक कमल दास से पूछताछ की और दस्तावेज खंगाले तो सामने आया कि यहां से कॉल कर अमेरिकी नागरिकों से ठगी की जा रही थी। ठगी गई रकम की फिलहाल जांच की जा रही है। गैंग के सरगना कमल दास ने बताया कि उसने कई कंपनियों और सोशल मीडिया से अमेरिकी नागरिकों का डाटा जमा किया था। इस डाटा के आधार पर कॉल सेंटर से उन्हें कॉल की जाती थी। आरोपी खुद को ग्रांट कमीशन का अधिकारी बताते हुए पीड़ितों से बात करते थे। आरोपी अमेरिकी सरकार की तरफ से बेरोजगारी या फिर दिव्यांग भत्ता दिए जाने की बात बताते थे। इसके बाद कहते थे कि सरकार से आई राशि लेने के लिए बतौर फीस कुछ हजार रुपये जमा करने होंगे। आरोपी खाते में रुपये मंगाने के बाद पीड़ित का नंबर ब्लॉक कर देते थे। इंटरनेट कॉलिंग होने के चलते पीड़ित आरोपियों तक कभी पहुंच भी नहीं पाते थे।

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