पेरिस। पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून विवाद के बीच फ्रांस में लगातार कई आतंकी हमले हो चुके हैं। इसके बाद फ्रांस सरकार धार्मिक कट्टरता को रोकने के लिए जल्द कड़ा कानून बनाने का निर्णय लिया है। फ्रांस के इस नए कदम से मुस्लिम देशों में फिर एक बार गुस्सा भड़क सकता है। कट्टरपंथ के खिलाफ छेड़ गए अपने युद्ध में फ्रांसीसी सरकार ने एक ऐसे कानून को संसद में पेश करने जा रही है, जिसका मुस्लिम देशों की तरफ से कड़ा विरोध किया जा सकता है। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने वियना में हुए हमले पर कहा कि अब आतंकियों को यह बताने का समय आ गया है कि उनका पाला किनसे पड़ा है। उन्होंने इस बर्बर आतंकी घटना की कड़ी निंदा भी की। मैक्रों पहले ही फ्रांस में मस्जिदों के वित्तपोषण की निगरानी और धार्मिक गुटों के स्कूलों और अन्य संगठनों की जांच की बात कह चुके हैं।
नए कानून में इस तरह की जांच के लिए पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को फ्री हैण्ड देने की बात कही जा रही है। उन्होंने फ्रांसीसी संसद में पेश किए जाने वाले एक बिल को लेकर कहा कि अगर किसी पुरुष ने महिला डॉक्टर से इलाज करवाने से मना किया तो उसे 5 साल तक जेल में डाला जा सकता है और 75 हजार यूरो का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसा ही महिलाओं के साथ भी किया जा सकता है अगर वह किसी पुरुष डॉक्टर से इलाज कराने से मना करती है।
फ्रांस के मंत्री गेराल्ड ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे जो अधिकारियों पर दबाव डालते हैं या जो शिक्षकों के पाठ को ग्रहण करने से इनकार करते हैं। फ्रांसीसी मंत्री के इस बयान से सोशल मीडिया में बवाल मच गया है। बड़ी संख्या में मुसलमान ट्वीट करके फ्रांसीसी मंत्री के इस बयान की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। यही नहीं मुस्लिम 5 साल की सजा और भारी जुर्माने पर भी सवाल उठा रहे हैं। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को कहा था कि जो मुस्लिम पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर परेशान हैं, हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन इस आधार पर हिंसा को सही नहीं ठहराया जा सकता है।
Home International फ्रांस में इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ बनेगा सख्त कानून, स्वास्थ्य परीक्षण में...