कलकत्ता। विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद पश्चिम बंगाल के राजनीतिक मोर्चे पर भाजपा पूरी तरह ताकत से खड़ी रहेगी। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राज्य के हालात पर पूरी नजर रखे हुए हैं और हर महीने केंद्रीय नेताओं का राज्य में दौरा होगा, ताकि कार्यकर्ताओं का मनोबल बना रहे। भाजपा के सामने अगला लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है, जिसके लिए राज्य में पार्टी को मजबूत बनाना है। भाजपा अपने मिशन बंगाल को आगे भी पूरी ताकत से जारी रखेगी और उसमें कोई शिथिलता नहीं आने दी जाएगी। पार्टी राज्य के लिए नए सिरे से कार्य योजना बनाने में जुट गई है। केंद्रीय नेता हर महीने राज्य का दौरा करके कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाएंगे और जो नेता तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी कर रहे हैं उनसे होने वाले नुकसान को कम करने का प्रयास भी करेंगे। भाजपा की सबसे बड़ी चिंता राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उसके कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले हैं। उसकी दिक्कत तब और बढ़ी जबकि मुकुल रॉय जैसे बड़े नेता तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट गए हैं। राज्य में डर का माहौल है और भाजपा नेतृत्व कार्यकर्ताओं को इससे उबारने की कोशिश में है। पार्टी के प्रमुख नेता ने कहा कि चुनौती अब और ज्यादा बढ़ी है, लेकिन भाजपा उसके लिए भी पूरी तरह तैयार है। भाजपा के कुछ और नेताओं के साथ कई विधायकों और सांसदों के भी तृणमूल कांग्रेस में जाने की अटकलें भी हैं। हालांकि, पार्टी का मानना है कि ऐसे नेताओं के जाने से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि लड़ाई संख्या बल की बजाए जमीन पर कार्यकर्ताओं को मजबूती से खड़ा रखने की है। वैसे भी भाजपा को विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से आए नेताओं से बहुत ज्यादा लाभ नहीं हुआ था। सूत्रों के अनुसार, भाजपा राज्य में अपने को नई ताकत के साथ खड़ा करने के लिए एक कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसका का मुख्य उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को मजबूती से खड़ा करना है। राज्य में भाजपा मुख्य विपक्षी दल की जगह ले चुकी है और उसने कांग्रेस एवं वामपंथी दलों को काफी पीछे भी धकेल दिया है। ऐसे में भाजपा अब विपक्ष की आक्रामक राजनीति करेगी और तृणमूल कांग्रेस से दो-दो हाथ करेगी। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व भी सारी स्थितियों पर कड़ी नजर रखे है।