राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हिंदी प्राध्यापक डा. विजय चावला ने सुरेंद्र मलिक प्रधानाचार्य के मार्गदर्शन में आईसीटी तकनीक से टेस्ट सीरीज तैयार कर बच्चों का संरचनात्मक मूल्यांकन किया। चावला ने बताया कि संरचनात्मक मूल्यांकन कक्षा के संदर्भ में संपन्न होता है। शिक्षक और छात्र के बीच संबंध की बुनियाद पर विकसित होता है। संरचनात्मक मूल्यांकन नैदानिक और सुधारात्मक है। यह छात्र-छात्राओं के स्वयं सीखने में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए मंच प्रदान करता है। यह मूल्यांकन, शिक्षकों को मूल्यांकन के नतीजों को ध्यान में रखते हुए अध्यापन को समायोजित करने में सक्षम करता है।

इससे छात्रों को प्रतिक्रिया के बाद उनके काम को सुधारने का अवसर भी प्रदान किया जाता है। उन्होंने कक्षा आठवीं के बच्चों का पलिकर्स एप्प के माध्यम से संरचनात्मक मूल्यांकन किया। चावला ने बताया की पलिकर्स एक फ्री एप्प है। उसके माध्यम से हम किसी भी विषय के बहु-विकल्पीय प्रश्न तैयार कर उनका मूल्यांकन कर सकते हैं। शिक्षक बच्चों को प्रश्न कंप्यूटर या प्रोजेक्टर की स्क्रीन पर दिखाकर उनसे उनका उत्तर देने के लिए कहता है। बच्चों को पहले एक-एक कार्ड दिया जाता है। जिस पर बच्चे, ए, बी, सी, डी कोड लिखे होते हैं। बच्चों ने प्रश्न को देख कर उसके सही उत्तर के कोड को ऊपर उठाना होता है। शिक्षक उन कोड़ों को स्कैन करता है और कंप्यूटर स्क्रीन पर बच्चों के रिस्पांस स्कोर कार्ड के रूप में शो हो जाते हैं। आज उन्होंने हिन्दी व अंग्रेजी व्याकरण की टेस्ट सीरीज़ पलिकर्स एप्प पर तैयार कर बच्चों का भाषा लैब में मूल्यांकन किया। आज की इस हिंदी व अंग्रेजी विषय की संरचनात्मक मूल्यांकन परीक्षा में कक्षा आठवीं के दस बच्चों को चुना गया। हिन्दी की परीक्षा में आठ बच्चों ने पलीकर कार्ड का प्रयोग करते हुए शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए जबकि अंग्रेजी व्याकरण की परीक्षा में दो बच्चों के 80 प्रतिशत अंक आए शेष आठ बच्चों के 50-60 प्रतिशत की श्रेणी में अंक आए।

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