बांग्लादेश के पहले हिंदू मुख्य न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा के खिलाफ वहां की एक कोर्ट ने गिरफ्तारी वारेंट जारी किया है। न्यायाधीश सुरेंद्र सिन्हा पर 3.4 करोड़ (चार करोड़ टका) रुपए का गबन करने और मनी लॉन्डरिंग का आरोप है। अमेरिका में रह रहे न्यायाधीश सिन्हा को एंटी-करप्शन कमीशन (ACC) ने भगोड़ा घोषित किया था। इस मामले में अदालत ने न्यायाधीश सिन्हा के अलावा 10 और लोगों को खिलाफ भी गिरफ्तारी का आदेश दिया है।

सुरेंद्र कुमार सिन्हा 2015 में बांग्लादेश के पहले हिंदू मुख्य न्यायाधीश बने थे. बांग्लादेश बनने के बाद से सुरेंद्र सिन्हा वहां के 21वें मुख्य न्यायाधीश बने थे। सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व वाली पीठ ने ही शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के प्रकरण में 12 लोगों को मौत की सजा सुनाई थी। मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद 2016 में सुरेंद्र सिन्हा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने ही 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान युद्ध अपराधों के लिए एक शीर्ष इस्लामी नेता की मौत की सजा को कायम रखा था।

सुरेंद्र सिन्हा के कार्यकाल के दौरान ही जुलाई 2017 को बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायपालिका ने संविधान में 16वें संशोधन का ऐलान किया था। इस संशोधन के बाद संसद को शीर्ष अदालत के न्यायमूर्ति का महाभियोग करने का अधिकार मिल गया था। इससे नाराज शेख हसीना सरकार ने न्यायाधीश सिन्हा पर पद का गलत इस्तेमाल और भ्रष्टाचार करने के इल्जाम लगाए थे।

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