केंद्र सरकार को इस वक्त फंड की बहुत अधिक जरूरत है। क्योंकि बाजार में छाई मंदी से निपटने के लिए सरकारी निवेश जरूरी है। इसके अलावा बड़ी सरकारी कल्याणकारी परियोजनाओं के संचालन के लिए कोष की आवश्यकता है। इसलिए सरकार मुनाफे मे चल रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में विनिवेश करने की योजना बना रही है। सरकार जनवरी में दुनियाभर की कंपनियों से निविदाएं मंगा सकती है। इस दौरान सरकार कई देशों में रोड शो कर घरेलू पेट्रोलियम सेक्टर में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश जारी रखेगी। सरकार कंपनी में अपनी समस्त 53.29 इक्विटी हिस्सेदारी बेचना चाहती है।
बीपीसीएल में इक्विटी खरीदने में इच्छुक हो सकती है ये कंपनियां
एक अधिकारी के अनुसार सरकार मान रही है कि ब्रिटिश पेट्रोलियम, एक्सॉनमोबील, शेल जैसी कंपनियां बीपीसीएल में इक्विटी खरीदने में इच्छुक हो सकती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने दुनिया के उन्हीं हिस्सों में रोड शो करने की योजना बनायी है जिन्हें वैश्विक स्तर पर पेट्रोलियम हब के तौर पर जाना जाता है। वैश्विक स्तर पर निविदाएं जनवरी में मंगाने का निर्णय भी इसी आधार पर हुआ है।
पेट्रोलियम सेक्टर में बड़ी विदेशी कंपनी का आगमन
सूत्रों के अनुसार पहले बीपीसीएल की हिस्सेदारी को सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) को बेचे जाने का प्रस्ताव था। लेकिन बाद में सरकार ने इसमें तब्दीली लाते हुए इसमें अपनी इक्विटी को वैश्विक स्तर की किसी कंपनी को बेचने योजना बनाई है। सरकार मानती है कि वैश्विक स्तर की किसी कंपनी की बीपीसीएल में इक्विटी खरीदने से भारत के पेट्रोलियम सेक्टर में बड़ी विदेशी कंपनी का आगमन हो जाएगा। इससे सेक्टर में प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ दुनिया के तेल कारोबार में भारतीय कंपनियों की मौजूदगी भी बढ़ेगी।