दुबई । अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट समिति (आईसीसी) के नए चेयरमैन जॉन बारक्ले ने कहा है कि विश्व क्रिकेट में भारत का सबसे अहम योगदान है। आईसीसी को इसे स्वीकार करना चाहिये कि 130 करोड़ लोगों वाले देश और वहां की कंपनियों से विश्व क्रिकेट को सबसे ज्यादा वित्तीय सहायता मिलती है। भारत में स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनियां और स्थानीय कॉपोर्रेट प्रायोजन के माध्यम से आईसीसी को वित्तीय रूप से 70 फीसदी से अधिक का योगदान देते हैं।
बारक्ले ने कहा, ” हालांकि मैं बिग थ्री कॉन्सेप्ट को नहीं मानता। मुझे मालूम है कि साल 2014 में व्यवस्था की गई थी, जिस पर आप विचार कर सकते हैं। कुछ मामलों में तीन देश के बोर्ड अन्य से अधिक देशों में अधिक शक्तिशाली है। साल 2016 में उन्होंने इंग्लैंड बोर्ड (ईसीबी) को बड़े स्तर पर बदल दिया और अब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को को भी किसी अन्य बोर्ड के बराबर ही पैसा मिलता है। ”
आईसीसी के ‘बिग थ्री’ के अतंर्गत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले तीन शक्तिशाली क्रिकेट बोर्ड को रखा गया था, जिसमें बीसीसीआई, ईसीबी और सीए हैं। इस ‘बिग थ्री’ फॉमूर्ले की तहत इन तीनों क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी की कमाई की हिस्सा मिलता है हालांकि साल 2015 में इस फॉर्मूले को आईसीसी के चेयरमैन बने भारत के शशांक मनोहर ने समाप्त कर दिया था।
बारक्ले ने कहा, ” भारत को और अधिक मिलता है और इसका कारण मुझे समझ में आता है। मैं यही कहूंगा कि पैसा बहुत सारे अन्य कामों को पूरा करने के परिणामस्वरूप में आता है। मुझे लगता है कि आने वाले आठ से दस वर्षों के लिए हमें आईसीसी की वैश्विक रणनीति को खत्म करने और उसे पूरा करने की आवश्यकता है।।”

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