टोक्यो। भारत के मरियप्पन थंगावेलु टोक्यो पैरालम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने से निराश हैं। ऊंची कूद में रजत जीतने वाले थंगावेलु ने कहा है कि अगर बारिश नहीं हुई होती तो वह स्वर्ण पदक जीत जाते। थंगावेलु ने कहा है कि बारिश के कारण उनके हाथ से स्वर्ण जीतने का अवसर निकल गया। इस खिलाड़ी के अनुसार मोजे गीले होने के कारण ही वह टी42 स्पर्धा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए। 1.86 मीटर की कूद लगाने के बाद मरियप्पन और सैम ग्रेव दोनों को 1.88 मीटर कूदने में परेशानी आई पर अमेरिकी खिलाड़ी ने आखिरी प्रयास में सफलता हासिल करके स्वर्ण पर कब्जा कर लिया। वहीं भारतीय खिलाड़ी को रजत ही मिल पाया।
गौरतलब है कि तमिलनाडु के सेलम जिले के पेरियावाडागामपट्टी गांव के रहने वाले मरियप्पन ने रियो पैरालम्पिक खेलों में 1.89 मीटर की कूद लगाकर स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने रजत पदक जीतने के बाद कहा कि मैं विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीत सकता था। मैं उसी लक्ष्य के साथ यहां आया था पर बारिश से मामला बिगड़ गया। शुरूआत में बूंदाबांदी हो रही थी पर 1.80 मीटर मार्क के बाद तेज बारिश होने लगी। मेरे दूसरे पैर (दाहिना पैर) का मोजा गीला हो गया और इससे कूदना कठिन हो गया था। वहीं अब मेरा लक्ष्य साल 2024 पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना रहेगा।

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