भोपाल। एक ‎निजी अस्पताल में म‎हिला की मौत होने पर उसके प‎रजिनों ने आरोप लगाए ‎कि अस्पताल द्वारा ‎बिल नहीं चुकाए जाने पर म‎हिला का शव नहीं ‎दिया। रविवार को ग्रेटर कैलाश अस्पताल इंदौर में खंडवा जिले की रहने वाली शहजादी बी का 17 दिन के इलाज के पश्चात निधन हो गया। परिजनों का आरोप है कि प्रबंधन ने अस्पताल का बिल न चुकाए जाने पर उनका शव भी नहीं सौंपा। खजराना में रहने वाले कासिफ पंवार के मुताबिक उनके खंडवा में रहने वाले परिचित सलीम व शहजादी बी को करीब 17 दिन पहले ग्रेटर कैलाश अस्पताल में भर्ती किया गया था। सलीम तो तीन से चार दिन में रिकवर होकर घर लौट गए लेकिन शहजादी बी की तबीयत खराब होने के कारण वे अस्पताल में भर्ती रही। अस्पताल ने उनके 17 दिन के इलाज का बिल 8.5 लाख रुपये बता दिया। जबकि परिजनों ने अस्पताल में 2 लाख रुपये जमा करवाए है। प्रबंधन ने रात 10 बजे तक उनका शव नहीं सौंपा। ग्रेटर कैलाश अस्पताल के संचालक डा अनिल बंडी के मुताबिक यह महिला पिछले 17 दिन से भर्ती थी लेकिन इनके परिवार के लोग कई दिनों से देखने तक नहीं आ रहे थे। 8 अप्रैल को हमने पुलिस को सूचना दी उसके बाद भी कोई परिजन उनके सुध लेने नहीं आया। अब जब उनकी मृत्यु हो गई तो परिवार के सदस्य शव लेने आए है। इनके इलाज के दौरान 17 दिन का अस्पताल खर्च चार लाख रुपये है और अभी तक उन्होंने 64 हजार रुपये दिए। हमने परिजनों की गैरमौजूदगी में मानवता के नाते इलाज भी नहीं रोका। वे पैसे नहीं दे रहे हैं फिर भी हम उन्हें शव सौंप रहे हैं। इसके बावजूद म‎हिला के परिवार के लोग हम पर गलत आरोप लगा रहे हैं।

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