बिहार में विधानसभा चुनाव होने के बाद राजनीतिक घटनाक्रम जिस तरह चल रहा है उससे ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस सभी ओर से निशाने पर है और उसमें कभी भी कोई टूट फूट हो सकती है। बिहार में सरकार काफी नजदीकी बहुमत से बनी है इसलिए वहां राजग अपनी सरकार को बचाए रखने तथा राजद अपनी सरकार बनाने के उद्देश्य से 19 सदस्यीय कांग्रेस विधायक दल में सेंध लगाने का प्रयास करने में लगा हुआ है। इसी प्रयास का नतीजा है कि कांग्रेस में टूट की खबरें बाहर आ रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता भरत सिंह ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के 11 विधायक टूट कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में जल्द ही यह सब सामने आ जाएगा। हालांकि, कांग्रेस हाईकमान ने उनके बयान से असहमति जताते हुए उसे खारिज कर दिया है। भरत सिंह ने दावा किया कि 19 में से 11 विधायक ऐसे हैं जो बाहर से आए और चुनाव जीत गए। ये पार्टी का कैडर नहीं हैं। उन्‍होंने आरोप लगाया चुनाव में कई लोगों ने पैसा देकर टिकट हासिल किए। भरत सिंह ने कहा कि एनडीए अपना संख्‍या बल बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। ऐसे में कांग्रेस के विधायकों पर उसकी नज़र है।

कांग्रेस ने चुनावों के लिए कमर कसी
इस साल होने वाले पांच राज्यों असम, प. बंगाल, केरल, तमिलनाडु तथा पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों का बिगुल बजने ही वाला है लेकिन इस बार इसके पहले ही कांग्रेस ने कमर कसने की इच्छाशक्ति दिखाई है। उसने इन पांचों राज्यों के लिए कांग्रेस ने चुनाव अभियान प्रबंधन एवं समन्वय के लिए कई वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है जिनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जो संबंधित राज्यों के प्रभारियों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे। इसके अनुसार असम के लिए भूपेश बघेल, मुकुल वासनिक एवं शकील अहमद खान, केरल के लिए अशोक गहलोत, वरिष्ठ नेता लुईजिनो फ्लेरियो एवं जी परमेश्वर, बंगाल के लिए वरिष्ठ नेता बीके हरि प्रसाद, विजय इंदर सिंघला एवं आलमगीर आलम, तमिलनाडु एवं पुडुचेरी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली, एमएम पल्लम राजू और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितिन राउत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि इन राज्यों में अप्रैल – मई में विधानसभा चुनाव होना है।

परेड में बाहरियों पर पाबंदी
गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार बाहरी राज्यों से आने वाले दर्शकों पर रोक लग सकती है। इसमें केवल दिल्लीवालों को ही शामिल होने की अनुमति देने का फैसला लिया जा सकता है। इसका कारण किसान आंदोलन है। गणतंत्र दिवस की तैयारियों को लेकर हुई पहली बैठक में यह मुद्दा उठा था कि ऐसा न हो, किसान टिकट खरीदकर 26 जनवरी की परेड में आ जाएं और नारेबाजी व हंगामा कर दें। इसके मद्देनजर किसानों को नई दिल्ली इलाके में आने से रोकने के लिए अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी गई है। पास सिर्फ दिल्लीवालों को मिल रहे हैं या फिर पूरे देश के लोगों को, इसके लिए परिचय पत्र मांगा जाएगा।

नगालैंड के जंगल में लगी आग
नगालैंड की दजुको घाटी के जंगल में लगी और भड़क रही है और अब यह पड़ोसी राज्य मणिपुर की पहाडिय़ों की ओर फैल रही है। इस पर काबू पाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ ने कहा कि उसने नगालैंड के कोहिमा जिले और मणिपुर के सेनापति जिले के प्रभावित इलाकों में सात टीमों को तैनात किया है जोकि जंगल की आग पर काबू पाने में जुटे अग्निशमन विभाग की सहायता कर रही हैं। बता दें कि पर्यटन स्थल के लिए मशहूर दजुको घाटी के जंगल में 29 दिसंबर को आग लग गई थी।

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