बिहार में बक्सर जिले के डुमरांव राजघराने के महाराज और भारतीय संसद के स्वर्णिम काल (1952-1962) के दौरान सांसद रहे महाराजा कमल सिंह का रविवार को सुबह उनके डुमरांव स्थित भोजपुर कोठी में देहांत हो गया। वह 94 साल के थे। महाराजा कमल सिंह के पुत्र युवराज चन्द्रविजय सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि सिंह लगभग छह वर्षों से बीमार चल रहे थे और आज सुबह पांच बजकर दस मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली।

स्वर्णिम इतिहास का अंत
सिंह के परिवार में दो पुत्र युवराज चंद्रविजय सिंह और वधू कनिका सिंह एवं छोटे युवराज मानविजय सिंह एवं पुत्रबधु अरूणिका सिंह सहित भरा-पूरा परिवार है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री सह बक्सर के सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने उनके देहांत पर शोक जाहिर करते हुए कहा है कि आज एक स्वर्णिम इतिहास का अंत हो गया। महाराज के निधन पर ना केवल डुमरांव राजपरिवार बल्कि, पूरे शाहाबाद के लोगों में शोक की लहर है।

सीएम नीतीश कुमार ने जताईं शोक संवेदना
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने देश की पहली ससंद के सांसद एवं डुमरांव राज के अंतिम महाराज कमल बहादुर सिंह के देहांत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। नीतीश कुमार ने आज यहां अपने शोक संदेश में कहा कि शिक्षा और सामाजिक विकास में स्व. कमल बहादुर सिहं का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है।

 

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