मदरलैंड संवाददाता, आशीष कुमार, पटना
बिहार प्रांतीय खेतियर मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष ने मजदूरों को खगड़िया से तेलंगाना भेजे जाने के खिलाफ कड़ी निंदा की है।उन्होंने कहा कि
बिहार सहित गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्य में कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए और राज्य एवं केंद्र सरकार के मुखिया के विफलता पर घोर निंदा करती है।
कोरोना के बढ़ते संख्या के अनुसार में सरकार के पास जांच किट नही है। प्रवासी मजदूरों के साथ धोखाधरी हो रही है। सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई मजदूर भूखा नहीं रहे। प्रवासी मजदूरों ने घर आने के लिए सरकार से मांग की, हमे घर वापसी किये जाय तो सरकार ने फैसले लेते हुए ट्रेन चलाये जाने की घोषणा की लेकिन सरकार ने किराए वसूल किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार के खगड़िया जिले के लगभग मजदूर को फिर उसी ट्रेन से स्थानीय प्रशासन ने तेलंगाना राईस मिल भेज दिया, जो सरासर अन्याय है। मोदी- नीतीश सरकार ने यह साबित कर दिया कि यह सरकार किसान एवं मजदूर विरोधी है और पूंजीपति के समर्थक है। उन्होंने कहा कि
1. गुजारा भत्ता के रूप में दस हजार प्रति माह दिया जाय! सभी को रोजगार दिया जाय!
2. स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी हो!
3. सामाजिक एकता और शारीरिक दूरी का पालन हो।
4. कोरोना मृत परिवारों के आश्रित को दस लाख मुआवजा दिया जाय।
5.सभी मजदूरों का बीमा किया जाय।
6.खगड़िया प्रशासन के अनैतिक कामों पर कारवाई की जाय।
सभी मजदूरों से आह्वान किया गया कि मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराए!