पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक फिर से राज्य की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। वह अपने करीबी नेताओं के माध्यम से राज्य में सियासी समीकरणों को अनुकूल बनाने में जुट गए हैं। इसी पहल के तहत राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख चिराग पासवान से मुलाकात कर विभिन्न राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।
वहीं, दूसरी तरफ राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और शहाबुद्दीन के परिवार से मिले। इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस की बगापत के बाद से भीषण सियासी संकट में घिर गए हैं। भाजपा ने भी चिराग से दूरी बना ली है।
जबकि, राजद लगातार चिराग को साथ आने का ऑफर दे रही है। राजद ने 5 जुलाई को अपने स्थापना दिवस समारोह में लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देने के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की थी। लालू प्रसाद चिराग को राजद से जोड़कर अपने पुराने दलित-यादव और मुस्लिम समीकरण को मजबूती देना चाहते हैं। बिहार में दलित राजनीति का मजबूत चेहरा माने जाने वाले श्याम रजक ने चुनाव से ठीक पहले जेडीयू छोड़कर राजद का दामन थाम लिया था। वह लालू परिवार के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं और राजद ने उन्हें दलित मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के अभियान में लगाया है।
श्याम रजक की रविवार को दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात के बाद से नई सियासी चर्चाओं को बल मिला है। तेजस्वी यादव, पहले ही आगे बढ़कर चिराग को साथ आने का ऑफर दे चुके थे। चिराग पासवान से मुलाकात पहले श्याम रजक ने शनिवार को राजद प्रमुख लालू यादव, बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास और पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार से भी मुलाकात की है।
दलित नेताओं से श्याम रजक की मुलाकात को चिराग पासवान को महागठबंधन के साथ लाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, श्याम रजक ने चिराग पासवान से मुलाकात को व्यक्तिगत बताया है। श्याम रजक ने कहा कि यह चिराग पासवान से व्यक्तिगत मुलाकात थी। इस दौरान कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। इसे राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। श्याम रजक ने कहा कि एक-एक ईंट जोड़कर घर बनता है। महागठबंधन की सभी पार्टियां चाहती हैं कि महागठबंधन और अधिक मजबूत हो। ऐसे में चिराग पासवान महागठबंधन में आते हैं, तो उनका स्वागत हैं, लेकिन हमारी इस दिशा में उनसे कोई बात नहीं हुई है।
दूसरी ओर, राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने शहाबुद्दीन के परिवार से मुलाकात की है। यही नहीं, शहाबुद्दीन की बेटी के सगाई कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अब्दुल बारी सिद्दीकी मोतिहारी भी पहुंचे थे। लालू यादव के करीबी सिद्दीकी राजद के मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। शहाबुद्दीन परिवार से उनकी मुलाकात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लालू प्रसाद यादव के निर्देशन में राजद यादवों के साथ-साथ दलित और मुस्लिम वोटबैंक को साथ बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।