मदरलैंड संवाददाता, पटना

गेहूं की फसल की कटाई के उपरांत फसल अवशेष को किसानों द्वारा खेतों में नहीं जलाना है। यह कार्य मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं खेतों की पैदावार के प्रतिकूल है। फलत: इस तरह के गैर जिम्मेदाराना कार्य पर रोक लगाना तथा विधि सम्मत कार्रवाई करना आवश्यक है। यह बातें पटना के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने कही। उन्होंने राज्य के सभी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक को सशक्त एवं  प्रभावी मॉनिटरिंग का निर्देश देते हुए कहा की पराली जलाने से मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्व की हानि होती है। इससे मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम सहित कई अन्य पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। फसल अवशेष को जलाने से कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड सहित कई जहरीली गैस  निकलती है। जिससे वायु प्रदूषित होती है। इससे मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। प्रमंडलीय आयुक्त ने आम लोगों से अपने जिले में पराली जलाने से संबंधित सूचना उस जिला के जिला पदाधिकारी से करने का अनुरोध किया है। उन्होंने किसान कॉल सेंटर 1800 180 1551 का नंबर जारी करते हुए कहा कि इस पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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