मदरलैंड संवाददाता,  पटना

बिहार में शराबबंदी को 4 साल हो गए। शराब पर कड़े कानून भी बनाए गए। कई शराब कारोबारी जेल भी गए और कई कारोबारी मालामाल भी हुए लेकिन बिहार में शराब बिकती रही। इस दौरान विरोधी दलों के नेताओं ने शराबबंदी में बिहार में बिक रही शराब पर नीतीश कुमार पर जुबानी जंग के तीर भी छोड़े लेकिन नीतीश कुमार की कानों पर जूं तक नहीं रेंगा।
 अब जबकि अदृश्य दुश्मन ने पूरे संसार में चौतरफा हमला किया तो बाकी देशों की तरह भारत में भी लाँकडाउन हुआ। क्योंकि इस वायरस से बचने का आखिरी रास्ता लॉक डाउन ही है।
 अब जबकि देश में लॉक डाउन के तीसरे चरण में पहुंच चुका है तो कई राज्यों ने कुछ रियायत के साथ शराब की दुकान खोलने की भी आदेश दे दिया है क्योंकि शराब से राज्यों को विशेष राजस्व प्राप्त होता है। अब बिहार में भी लोग डाउन के कारण हुई आर्थिक क्षति के नुकसान की भरपाई के लिए शराब दुकानें खोलने की मांग मुखर होने लगी है।
 हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ दानिश रिजवान ने बिहार सरकार से आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए शराब दुकान खोलने की मांग की है।
 दानिश रिजवान ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी का काला कानून खत्म कर अविलंब शराब की बिक्री शुरू की जाए क्योंकि शराब की वजह से राज्य को राजस्व की हानि हो रही है। शराब तो बिक ही रही है और होम डिलीवरी भी हो रही है तो शराब बंदी कानून का ढकोसला क्यों? उन्होंने नीतीश कुमार से कहा की आप बिहार में शराब की बिक्री सुचारू ढंग से सुनिश्चित करवाएं जिससे राज्य में राजस्व आने से राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और आम आवाम लिली शराब पीने से बचेंगे।

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