भारत के राज्य बिहार में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ विपक्षी में महागठबंधन की सीट-शेयरिंग नेतृत्व को लेकर अंतर्कलह गहराता दिख रहा है। कांग्रेस ने अधिक सीटों के साथ चुनाव के नेतृत्व का दावा करते हुए खुद को बिग बॉस बताया है, तो जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा व मुकेश सहनी की तिकड़ी ने भी राष्ट्रीय जनता दल पर दबाव बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि इस तिकड़ी को कांग्रेस का समर्थन है। हालांकि, आरजेडी किसी समझौते के मूड में नहीं दिख रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि महागठबंधन के तीन छोटे घटक दलों राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा’ सुप्रीमो जीतन राम मांझी तथा विकासशील इन्सान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी एक साथ जुटे सीट-शेयरिंग व महागठबंधन के नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के आरजेडी विरोधी बयान के ठीक बाद हुई तीनों की इस गुप्त बैठक के राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर नेतृत्व पर भी चर्चा हुई। मांझी पहले से ही महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग करते रहे हैं। वह कहते रहे हैं कि यही समन्वय समिति महागठबंधन के नेतृत्व के साथ तमाम बड़े फैसले करे
इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के आवास पर कांग्रेस की एक बैठक में भी इन्हीं मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह, अखिलेश सिंह, तारिक अनवर व धीरज कुमार आदि शामिल हैं। बैठक के माध्यम से कांग्रेस ने सीट-शेयरिंग एवं नेतृत्व के मुद्दे को लेकर आरजेडी पर दबाव बढ़ाया। वही, बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का अपना फार्मूला दिया। उन्होंने कहा कि वह बीते विधानसभा चुनाव में गठबंधन में साथ रहे। इसलिए जनता दल यूनाइटेड की 102 सीटों का महागठबंधन के घटक दलों के बीच बंटवारा हो तथा सबसे अधिक हिस्सा कांग्रेस को मिले। बाद में कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने भी अपने बयान में अखिलेश सिंह का समर्थन किया। कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने विधानसभा चुनाव कांग्रेस के नेतृत्व में लड़े जाने की बात कही।