मदरलैंड संवाददाता, पटना।

पटना। बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आज कहा की आपदा राहत शिविर में रहने वाले लोगों को बाढ़ के समय आपदा पीड़ितों को जो सुविधाएं मिलती है वही सुविधाएं कोरोना पीड़ितों के शिविरों को भी मिलेगी। इसके तहत कपड़ा, बर्तन, दूध और भोजन सहित कई और जरूरत के सामान दिए जाएंगे। शिविर में रहने वाले लोग अगर खाना बनाते हैं तो उसका भुगतान भी किया जाएगा और जब शिविर से लोग अपने घर को जाएंगे तो कपड़ा से लेकर बर्तन तक ले जा सकते हैं। आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जिला पदाधिकारियों को पत्र में कहा है कि कोविड-19 की विभीषिका को मद्देनजर यह आवश्यक है। इन सभी केंद्रों में रह रहे व्यक्तियों की समुचित देखभाल की व्यवस्था की जाए तथा गुणवत्ता युक्त भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। पत्र में कहा गया है पंजीकृत व्यक्तियों को खाने हेतु एक-एक अदद स्टील की थाली, कटोरी एवं गिलास दी जाए। जिसका उपयोग वे राहत केंद्रों में आवासन के तहत करेंगे तथा राहत केंद्रों से घर लौटते समय इन्हें वे अपने साथ ले जा सकेंगे। उसी प्रकार बच्चों को भी एक-एक स्टील की छोटी थाली, कटोरी एवं गिलास उपलब्ध कराई जाएगी। राहत केंद्रों में आवासीय सभी पुरुषों को एक-एक लूंगी, गंजी, गमछा, धोती महिलाओं को साड़ी, साया और ब्लाउज, बच्चों को एक एक शर्ट, पैंट तथा बच्चियों को एक एक अदद फ्रॉक एवं पेंट उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त सभी  महिलाओं हेतु सेनेटरी नैपकिन की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके अलावा लोगों को नहाने एवं कपड़ा धोने के लिए एक एक अदद साबुन, शैंपू पाउच, केश, तेल, कंधी, टूथपेस्ट एवं उपलब्ध कराई जाएगी। राहत शिविरों एवं विद्यालय के क्वारंटिन केंद्रों में रह रहे व्यक्तियों को पका हुआ भोजन सुबह-शाम उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा सुबह का नाश्ता भी दिया जाना है। राहत केंद्रों में रह रही महिलाओं एवं पुरुषों की सेवा भोजन तैयार करने हेतु ले जा सकती है। इसके लिए उन्हें पारिश्रमिक का भुगतान श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार द्वारा निर्धारित दर पर किया जाएगा।

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