पटना। बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में बहुत बड़ा उलटफेर देखने को ‎मिल सकता है। जानकारी के मुता‎बिक अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपनी विरासत अपने बेटों को सौंपने की तैयारी में हैं। गौरतलब है ‎कि लालू यादव की तबीयत ठीक नहीं रहती है। वह फिलहाल चारा घोटाला मामले में बेल मिलने के बाद दिल्ली में ही हैं। दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चलता रहा है। डॉक्टर उन्हें आराम करने की लगातार सलाह दे रहे हैं। ऐसे में पार्टी के कामकाज को संभालने के लिए लालू यादव अपने बेटों को बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। चर्चा इस बात को लेकर तेज है कि तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है जबकि तेज प्रताप यादव को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। बात 5 जुलाई की है जब आरजेडी अपना स्थापना दिवस मना रही थी। इसी मंच से तेज प्रताप ने कहा कि तेजस्वी यादव को तो ज्यादा वक्त नहीं मिलता लेकिन मैं हमेशा पार्टी कार्यालय में आता रहता हूं। तेजस्वी यादव देश दुनिया में व्यस्त रहते हैं। वह जब भी दिल्ली या बाहर रहते हैं तो मैं यहां आकर मोर्चा संभालता हूं।
तेज प्रताप के इस बयान के बाद से इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि आरजेडी में आने वाले दिनों में बड़ा परिवर्तन दिखाई दे सकता है। हालांकि फैसला लालू यादव को करना है। माना जा रहा है कि जिस तरह से लालू यादव स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में वह इस बात को लेकर जल्दी फैसला कर सकते हैं। हाल में ही बिहार आरजेडी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने लालू यादव से दिल्ली में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद लालू ने तेजस्वी को भी दिल्ली बुलाया है। इसके बाद से बदलाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। सूत्र बता रहे हैं कि लालू यादव की चाहत यह है कि वह अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएं। उनका मानना है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने शानदार प्रदर्शन किया। राजद को 75 सीटें मिली और सबसे बड़े दल के रूप में सामने आया। तेजस्वी के मेहनत से लालू खुश हैं और अब उन्हें बड़ा पद देना चाहते हैं।
दूसरी ओर तेज प्रताप यादव लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। कार्यकर्ताओं के बीच लगातार जाते रहते हैं। साथ ही साथ बिहार आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष के साथ उनकी अनबन की खबरें भी आती रहती हैं। हाल में ही यह खबर आई थी कि तेज प्रताप यादव के व्यवहार से नाराज होकर बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। हालांकि लालू ने उसे स्वीकार नहीं किया था। राजद के रजत जयंती के मौके पर तेज प्रताप ने उन पर कटाक्ष करते हुए यह तक कह दिया था कि जगदानंद अंकल नाराज हैं क्या? वहीं पार्टी की इनसाइड स्टोरी ये है कि कभी लालू प्रसाद के खासमखास रहे श्याम रजक भी प्रदेश अध्यक्ष हो सकते हैं। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए श्याम रजक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के पसंदीदा कैंडिडेट हैं लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को उन पर भरोसा नहीं है। इसमें लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के नाम भी शामिल है।

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