मदरलैंड संवाददाता , बनमा ईटहरी , सहरसा

बनमा ईटहरी प्रखंड क्षेत्र के 70 फीसदी किसान ऐसे है । जो मक्का को ही अपना मुख्य फसल समझते हैं, और इससे अच्छी खासी आय का भी साधन होता है जिससे कि किसान पूरे वर्ष अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं । अब ऐसे में बेमौसम बारिश आफत का कहर बनकर किसानों पर टूट पड़ा है, दिन रात हो रही बारिश से किसान बेहाल है अपनी फसल को देखकर खून के आंसू रोने पर मजबूर हो जाते हैं । इन किसानों का कहना है कि हम लोग गेहूं का फसल कम लगाते हैं और मक्का का हीं फसल ज्यादा लगाते हैं । जिससे की अच्छी खासी आमदनी होती है ।  किसानों ने बताया कि एक एकर मक्का की खेती अगर करते हैं तो 30 से 40 हजार तक का बचत होता है ।  उस आमदनी से अपने बाल बच्चे को पढ़ाते लिखाते हैं उनका शादी ब्याह भी बड़े धूमधाम से करते हैं, अब ऐसे में इस वर्ष बेमौसम बारिश की वजह से फसल पूर्णतः नष्ट हो चुका है ।  ऐसे में सरकार से एक ही आस लगाए हुए बैठे हैं कि अब सरकार द्वारा  किसी तरह का कोई राहत मिले इन किसानों ने बताया कि गेहूं भी जो कुछ किए थे अपने खाने के लिए वह भी पूरी तरह नष्ट हो चुका क्योंकि शुरू में मजदूर नहीं मिल रहा था । जब मजदूर मिला तो बेमौसम बारिश उसे नष्ट कर दिया ।

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