मदरलैंड संवाददाता, बगहा/नरकटियागंज
चीन की चालबाजी से पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इसके साथ ही दुनिया के बड़े-बड़े देशों ने इस संक्रमण कोविड19 से घुटने टेक दिए हैं। जिसके चलते दुनिया की आधी आबादी वाली देश भारत में भी इस बीमारी का कहर साफ साफ नजर आ रहा है। इस क्रम में भारत सरकार ने इस बीमारी के खतरों को देखते हुए देश में लॉक डाउन जैसा नियम लगाकर बीमारी से निजात पाने के लिए कुछ अहम फैसला लिया है । लोगों को सामाजिक दूरी बनाने की अपील खास पहल है। शादी विवाह के अवसर पर बैंड बाजा बारात के आगे पीछे थिरकते थे लोग। इस अवसर पर बैंड बाजा पार्टी के गाने के धुनों पर बड़े बड़े अधिकारियों व जनप्रतििधियों तथा महिलाओं ने खूब थिरकते नजर आ रहे थे। लेकिन अचानक दुनिया कि रीति रिवाजों में बदलाव से बैंड बाजा पार्टी के कलाकारों के साथ साथ बैंड बाजा संचालकों की भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके दौरान पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा बेतिया लौरिया रामनगर हर्नाटांड़ वाल्मीकि नगर नरकटियागंज समेत कई अनेक बैंड बाजा संचालकों से बात चीत के दौरान नरकटियागंज के बच्चा ब्रास बैंड पार्टी के संचालक मुन्ना खान ने बताया कि लाखों की पूंजी लगाकर बैंड पार्टी बनाया गया है। जिसमें दर्जनों कलाकार इस संस्था से उनके परिवार का भरण पोषण होता चलता आ रहा है। लेकिन इस महामारी से लोगों के घरों में शादी ब्याह तथा अन्य अनुष्ठान लॉक डाउन में बंद हो गया है। यहां तक कि पूर्व से शादी ब्याह में बाजा बजाने को लेकर अनुबंध हुआ था। लेकिन कोरोना ने पानी फेर दिया। वही मार्च-अप्रैल मई जून-जुलाई 5 महीनों में बाजा बजा कर कलाकार एवं संचालकों की घर की जीविका चलती थी। इतना ही नहीं बैंड संचालक अपने दर्जनों कलाकारों को पहले से ही अनुबंध के रूप में लाखों रुपया अग्रिम भुगतान किया जा चुका है। साथ ही इस बीमारी ने बैंड बाजा पार्टी को ही बाजा बजा दिया है।जिसको लेकर इस संस्था के सभी लोगों को भुखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है । इसके लिए सभी बैंड बाजा पार्टी संचालक सरकार से मांग करते हैं कि इस विषम परिस्थिति में हमारे जैसे कलाकारों को भूख से बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की पहल करे।