मदरलैंड संवाददाता, बगहा
पश्चिमी चंपारण जिला के बगहा 2 प्रखंड क्षेत्र के चिउटहा थाना क्षेत्र के बैराटी माई स्थान पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष बड़ी धूमधाम से पर्व मनाने की सारी तैयारियां पूरी होने पर अचानक “लॉक डाउन” का ऐलान हो गया और इस प्रकार, बाहर से पहुंचे दर्जनों परचून दुकानदार के साथ साथ झूला एवं जादूगरों की टीम मेला स्थल पर पहुंच कर बेकार हो गये लेकिन वैश्विक महामारी को देखते हुए, घरों में रहने की अपील किया। जिसके दौरान उक्त मेला स्थान पर प्रशासन की चौकसी बढ़ा दी गई तथा मेला लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यहां तक कि जिस स्थान पर लाखों श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना करने के लिए भीड़ लगी रहती थी आज सूना सूना सा नजर आ रहा है। इस दौरान मदन दास (परचून दुकान मोतिहारी) रामबाबू गुप्ता, (झूला वाला) शंभू गुप्ता (जादूगर) ने संयुक्त रूप से बताया कि मेला परिसर में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 10 मार्च को अपनी पूरी टीम के साथ पहुंच गए। अपनी दुकान तथा टेंट, सामियाना, झूला, जादूगर करतब भवन, का बंदोबस्त कर दिया गया। अचानक 22 मार्च को भारत सरकार जनता कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके 25 मार्च से पूरी तरह से लॉक डाउन लगा दिया। इस बीच किसी तरह हम दर्जनों दुकानदारों को भूखे रहने को मजबूर हैं। मुखिया गोरख उराँव ने 1 सप्ताह पूर्व मेला स्थल का जायजा लेने के लिए पहुंचे उसी दौरान हम लोगों ने अपनी विवशता को उनके सामने रखी। उसके पश्चात मुखिया ने 15 किलो चावल दर्जनों व्यक्तियों के बीच राहत कार्य में दिया। लेकिन अब बड़ी भारी समस्या सामने आकर खड़ी हो गई है क्योंकि हम लोग घर भी नहीं जा सकते तथा यहां पर भोजन पानी का व्यवस्था भी नहीं है। बगल के गांव में जाने के बाद गांव के लोगों को द्वारा गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है। जिससे खाने को लाले पड़ गए हैं, अब हम मजबूर लोगों को कौन सहारा होगा। उन्होंने प्रशासन से मांग किया है कि मजबूर लोगों को कम से कम मेला स्थल पर भोजन पानी का व्यवस्था कराएं अथवा हम लोगों को अपने अपने घरों तक जाने में मदद करें। इस बाबत मुखिया गोरख उरांव ने बताया कि मेला नहीं लगने के कारण बाहर से आए हुए दुकानदारों को काफी कुछ नुकसान झेलना पड़ रहा है तथा खाने पीने में भी परेशानी है। 1 सप्ताह पूर्व हमने अपने घर से उन मजबूर दुकानदारों को 15 किलो चावल सहायता के रूप में दिया था। इसके लिए प्रशासन से गुहार लगाया गया है कि इन परदेसियों को खाने पीने की समुचित व्यवस्था कराया जाए। अब देखना है कि इन मजबूर लोगों को सरकार के द्वारा किस तरह से सहायता किया जा रहा है।