नई दिल्ली। आगामी टोक्यो ओलंपिक में पुरुष युगल और मिश्रित युगल टेनिस में कोई भारतीय जोड़ी नहीं दिखेगी। इसका कारण यह है कि भारत के रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की शीर्ष पुरुष युगल जोड़ी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पायी है। इसके अलावा मिश्रित युगल में भी भारत की कोई जोड़ी नहीं होगी। बोपन्ना और दिविज को ओलंपिक में तभी जगह मिलती जा कोई उनसे बेहतर रैंकिंग वाल खिलाड़ी अपना नाम वापस लेता पर यह संभव नहीं हुआ। अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ) ने साफ कर दिया है कि बोपन्ना और दिविज पुरुष युगल में टीम के रूप में प्रवेश नहीं कर सकते हालांकि 16 जुलाई तक हालात बदल भी सकते हैं। तक कोई और खिलाड़ी हटते हैं तो संभावना बन सकती है।
वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर कुछ खिलाड़ी हटते भी हैं तो भी 24 सीधे प्रवेश में से 22 टीमों के लिए कट 60 से 70 के बीच रहने की उम्मीदें हैं। अंतिम क्वालीफाइंग रैंकिंग की पुष्टि अभी नहीं की जा सकती। अगर और अधिक खिलाड़ी हटते हैं तो भी भारत की पुरुष युगल को टिकट मिलने की संभावना काफी कम है। प्राथमिकता एकल रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को दी जाएगी, इसके बाद एकल-युगल संयोजन और फिर युगल-युगल रैंकिंग संयोजन को जगह मिलेगी।
गौरतल है कि कई शीर्ष खिलाड़ी एकल ड्रॉ का हिस्सा नहीं है और युगल में भी लगातार खेलने वाले कम रैंकिंग वाले खिलाड़ी ओलंपिक में दो स्पर्धाओं में खेलने का अवसर नहीं खोना चाहेंगे। प्रत्येक खिलाड़ी को दो स्पर्धाओं में हिस्सा लेने की अनुमति है। नियमों के अनुसार वही खिलाड़ी मिश्रित टीम स्पर्धा का हिस्सा हो सकते हैं जिन्होंने पहले ही किसी मुख्य ड्रॉ (एकल या युगल) में जगह बनाई हो। ऐसे में अगर बोपन्ना को महिला युगल में सानिया मिर्जा के साथ जोड़ी बनानी है तो उनके लिए पुरुष युगल में जगह बनाना अनिवार्य है।