नई दिल्ली। ब्रिक्स प्रतिनिधियों की बैठक में भारत ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर खरी-खरी सुनाई। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान का समर्थन मिलता है। इस समर्थन के बलबूते यह आतंकी संगठन यहां पर मौज करते हैं और भारत की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बने रहते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में शामिल हुए। ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने मंगलवार को तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान से विभिन्न आतंकी समूहों द्वारा गतिविधियों में तेजी लाने की संभावना के मद्देनजर आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने में व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक कार्ययोजना को स्वीकार किया। भारत की मेजबानी में आयोजित ऑनलाइन बैठक के दौरान इस कार्ययोजना को अपनाया गया। इसमें नई दिल्ली ने सीमा पार आतंकवाद और लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्रलाय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा करने के अलावा ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी क्षेत्र के साथ ही अफगानिस्तान के वर्तमान हालात पर भी चर्चा हुई। बैठक में रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल पेत्रुशेव, चीनी पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेइची, ब्राजील के सुरक्षा अधिकारी जनरल ऑगस्टो हेलेना रिबेरो परेरा और दक्षिण अफ्रीका के उप राज्य सुरक्षा मंत्री नसेडिसो गुडएनफ कोडवा ने भाग लिया। ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों का संगठन है। इन देशों में दुनिया की 41 प्रतिशत आबादी रहती है। वैश्विक जीडीपी में इन देशों का 24 फीसदी और वैश्विक व्यापार में 16 फीसदी हिस्सा है। भारत आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ से निपटने में ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच गहरे सहयोग पर दृढ़ता से जोर देता रहा है।

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